अगरतला। त्रिपुरा हाई कोर्ट ने एक साल पहले हटा दिए विधि सचिव दतामोहन जमतिया को मंगलवार को बहाल कर दिया। न्यायपालिका के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उन्हें पद से हटा दिया गया था। एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि त्रिपुरा उच्च न्यायालय के महापंजीयक सत्य गोपाल चट्टोपाध्याय ने सोमवार देर शाम एक अधिसूचना जारी कर जमतिया को उनाकोठी जिले के जिला एवं सत्र न्यायाधीश पद से विधि अनुस्मारक और कानून विभाग के सचिव के पद पर स्थानांतरण कर दिया।
जमतिया की जगह कार्यकारी विधि अनुस्मारक और कानून विभाग के मौजूदा सचिव ए. के . नाथ को उनाकोठी के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर स्थानांतरित किया गया। अधिकारी ने कहा कि पिछले वर्ष नवम्बर में अदालत ने जमतिया को पद से हटा दिया था और जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में उनाकोठी स्थानांतरित कर दिया था, क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री माणिक सरकार को भेजे एक अधिकारिक नोट में न्यायपालिका के बारे में अपमानजनक टिप्पणी थी। उनाकोठी जिले के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरण की अदालती अधिसूचना जारी होने के बाद राज्य सरकार और उच्च न्यायालय के बीच रस्साकशी चल रही थी।
राज्य के कानून मंत्री ने तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक गुप्ता को भेजे अपने पत्र में जमतिया को कानून सचिव के रूप में कार्यमुक्त करने से असमर्थता जाहिर की थी, क्योंकि वह सर्वोच्च न्यायालय में लंबित महत्वपूर्ण मुकदमे देख रहे थे और उस समय त्रिपुरा में स्थानीय निकायों का चुनाव भी होना था। उच्च न्यायालय ने हालांकि कानून मंत्री की दलील खारिज करते हुए अपना फैसला कायम रखा था।
अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए इसी साल अप्रैल में उच्च न्यायालय की खंडपीठ जमतिया के खिलाफ अवमानना का आरोप लगाना चाहती थी। जमतिया ने इस तरह की कोई टिप्पणी करने से इनकार किया और उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सचरेच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।