जयपुर। राजधानी जयपुर में चल रहे जेएलएफ का आखिरी दिन उस वक्त हंगामेदार हो गया जब यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा उठाने वाले विवादित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन गुपचुप अंदाज में शिरकत करने पहुंची।
तसलीमा नसरीन के पहुंचने की भनक लगते ही मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध स्वरूप पहुंच गए और आयोजकों से उनका सैशन रद्द करने की मांग की। लंबी बहस के बाद आयोजकों ने मुस्लिम समुदाय को भरोसा दिलाया कि तसलीमा को फिर कभी जेएलएफ में नहीं बुलाया जाएगा।
आपको बता दें की तसलीमा नसरीन के आने की खबर आयोजकों के अलावा किसी को भी नहीं थी। आयोजकों ने अपनी शिड्यूल लिस्ट में भी उनके सेशन का जिक्र बड़े गोपनीय तरीके से किया था। सोमवार के दिन पूर्व निर्धारित चारबाग सैशन में 3:45 बजे से 4:45 बज तक एक बिना किसी स्पीकर या लेखक का नाम दिए EXILE रखा गया था। शब्द EXILE का सीधा सा मतलब ही देश निकाला है।
तसलीमा के पहुंचते ही आयोजकों ने सैशन का ठिकाना चारबाग से बदल कर फ्रंट लोन कर दिया। इसी सेशन में तसलीमा नसरीन ने शिकरत की और फिर से यूनिफॉर्म सिविल कोड़ लागू करने की मांग दोहराई।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अपनी राय रखते हुए तसलीमा ने कहा कि मुसलमान नहीं चाहते कि वह इसका हिस्सा बनें लेकिन महिलाओं के हक के लिए इसकी बहुत ज्यादा जरूरत है। इस्लामिक कट्टरपंथ पर बात करते हुए तसलीमा ने कहा कि 'जब भी मैं इस्लाम धर्म की आलोचना करती हूं तो इस्लामिक कट्टरपंथी मुझे मारने को दौड़ते हैं, यह सब दूसरे धर्म में नहीं होता।
इस्लाम का सहिष्णु होना जरूरी है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह हिंदू कट्टरपंथ और तरह के कट्टरपंथ के भी खिलाफ हैं। असहिष्णुता के मुद्दे पर तसलीमा ने कहा कि भारत में वह हमेशा सुरक्षित महसूस नहीं करती लेकिन यहां हालात इतने भी खराब नहीं है कि देश छोड़ना पड़ जाए।
यूं पहुंचे प्रदर्शनकारी
तसलीमा के इस सेशन की भनक मुस्लिम समुदाय को लग गई और वे डिग्गी पैलेस पर प्रदर्शन को इकट्ठे हो गए। हालांकि पहले से तैनाता पुलिस जाप्ते ने विरोध प्रदर्शन करने वालों को आगे बढ़ने नहीं दिया लेकिन मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों ने डिग्गी पैलेस रोड पर ही विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया।