पटना। बिहार में सोमवार को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य अर्पित करने के साथ ही सूर्योपासना का महापर्व छठ समाप्त हो गया। राजधानी पटना में सोमवार को गंगा नदी के अलावा राज्य के अन्य हिस्सों में लाखों व्रतधारियों ने उगते हुए सर्य को नदियों और तालाबों में खड़ा होकर अघ्र्य अर्पित किया।
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इस अवसर पर लोगों ने पवित्र गंगा नदी में स्नान भी किया। औरंगाबाद जिले के देव में स्थित त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में बड़ी संख्या में लोगों ने पूजा की और व्रतधारियों ने सूर्य कुण्ड में अघ्र्य अर्पित किया। लोक मान्यता है कि देव में पवित्र सूर्य कुण्ड में स्नान कर भगवान भाष्कर को अघ्र्य अर्पित करने और त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में भगवान के दर्शन करने से मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति होती है।
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दूसरा अघ्र्य अर्पित करने के बाद श्रद्धालुओं को 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त हुआ और उसके बाद ही व्रतधारियों ने अन्न ग्रहण किया। चार दिवसीय इस महापर्व के तीसरे दिन कल व्रतधारियों ने नदियों और तालाबों में अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अघ्र्य अर्पित किया था।
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