जयपुर। राजधानी जयपुर के आमेर तहसील के रोजदा गांव के लोगों ने एक अनोका तरीका इस्तेमाल कर गांव से शराब की दुकाने हटाई है। इस बार लोगों ने शराब की दुकान हटाने के लिए प्रदर्शन नहीं किया और ना ही धरना दिया लेकिन फिर भी शराब की दुकान को बंद करने का फैसला लोगों के पक्ष में गया।
जानकारी के अनुसार रविवार को रोजदा गांव के लोगों ने शराब सेवन की बुराई के खिलाफ एक ऐसी जंग लड़ी जिसमें उनको सफलता हासिल हुई। इस बार लोगों ने शराब की दुकानें हटाने के लिए वोटिंग का सहारा लिया। जहां बड़ी संख्या में गांव के लोगों ने पहुंचकर मतदान किया। उल्लेखनिय है कि रोजदा गांव के लोग यहां पर स्थित एक शराब की दुकान विरोध कर रहे थे।
लोगों के विरोध को देखते हुए स्थानिय प्रशासन ने एक अनोखा तरीका इजाद किया और शराब की दुकान को बंद कराने का फैसला मतदान के माध्यम से कराने का फैसला लिया। रविवार को हुए मतदानों में करीब 2581 लोगों ने मतदान किया। इस मतदान का प्रतिशत 61.36 फीसदी रहा। शाम तक चले मतदान के बाद मतगणना के लिए पेटियों को खोला गया।
मतगणना के दौरान 2270 मतदाताओं ने शराबबंदी के लिए हां में तो 170 लोगों ने ना में मतदान किया। वहीं करीब 141 वोट निरस्त किए गए। शराबबंदी के पक्ष व विपक्ष में जनमत संग्रह के लिए राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में 6 मतदान केन्द्र बनाए गए थे।
जहां पंचायत के 11 वार्डों के मतदाताओं ने सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मतदान किया। शराब की दुकान निरस्त कर शराबबंदी लागू कराने की मांग को लेकर रोजदा, सिण्डोलाई, हरचंदपुरा, जैतपुरा व सरदारपुरा गांव की महिलाओं ने भी भारी संख्या में मतदान में भाग लिया।