राजस्थान में बुलंद हो रहा ‘सेव द गर्ल्स चाइल्ड’ का नारा, प्रदेश में बेटियों की संख्या में हुआ इजाफा

Samachar Jagat | Thursday, 23 Mar 2017 01:16:20 PM
Slogan of 'Save the Girls Child' growing in Rajasthan

जयपुर। राजस्थान प्रदेश में बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान को लेकर प्रदेश की जनता जागरुख हो रही है। इसी के तहत प्रदेश में ‘सेव द गर्ल्स चाइल्ड’ का नारा भी बुलंद होता जा रहा है। प्रदेश के लोग अब बेटियों को लेकर जागरुख हो रहे है और बेटियों को आगे बढ़ा रहे है। राजस्थान प्रदेश में पिछले तीन सालों की बात की जाए तो इन तीन सालों में बेटियों की संख्या में इजाफा हुआ है।

राज्य सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन साल से प्रदेश में बेटियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 1000 बालकों पर 888 बालिकाओं की संख्या थी जिसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सरकार के अनुसार वर्ष 2021 की की जनगणना में बेटियों की संख्या 930 से 935 तक रहने का अनुमान लगाया गया है। 

भ्रूण लिंग परीक्षण को लेकर सरकार सख्त

प्रदेश में बढ़ रहे लिंग परीक्षण के मामलों में राज्य सरकार चिंतित है। वहीं राज्य सरकार इस तरह के मामलों में अपना सख्त रवैया अपनाते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने अब तक भ्रूण लिंक की जांच करने वालों के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट तहत 145 मामले दर्ज किए हैं। वहीं करीब लिंग जांच करने वाले 202 सौदागरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में डॉक्टर्स और उनका मेडिकल स्टॉफ भी शामिल हैं। 

भ्रूण लिंग जांचने वाले डॉक्टरों का लाईसेंस निरस्त

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि प्रदेश में अब तक पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत 145 से अधिक मामले दर्ज कर करीब 202 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस तरह के अपराधों में शामिल डॉक्टरों के लाईसेंस रद्द कर दिए गए हैं। वहीं भ्रूण लिंग जांच के मामलों में लगातार सोनोग्राफी केन्द्रों का निरीक्षण किया जाता रहा है। 

चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा

बुधवार को विधानसभा में जोगाराम पटेल के सवाल का जवाब देते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा था कि प्रदश में अब बेटियों के जन्म लेकर लोगों की सोच बदल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में प्रदेश में बेटियों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि लोग अब जागरुक हो रहे हैं जिसके कारण वें बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं समझ रहे। 

राजश्री योजना बनी बेटियों के लिए वरदान 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सराफ ने बताया कि बालिका जन्म को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश में 1 जून, 2016 से मुख्यमंत्री राजश्री योजना लागू की गई है। इसमें बेटी के जन्म से लेकर छह उसकी शादी तक 50 हजार रुपए दिए जाते हैं। वहीं बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने कई योजनाओं को लागू किया है जिससे बेटिया आगे बढ़ी है। 
 



 

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