अंतरराज्यीय जल विवाद पर सरकार की खामोशी घातक: नेता प्रतिपक्ष

Samachar Jagat | Saturday, 12 Nov 2016 07:25:00 PM
silence of government deadly on interstate water disputes

जयपुर। राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आगाह किया है कि यदि पंजाब और हरियाणा से अपने हिस्से का पूरा पानी लेने में राज्य सरकार ने अब भी खामोशी बरती तो इसके दूरगामी परिणाम घातक होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाकर प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए।

डूडी ने कहा कि केन्द्र व पड़ोसी राज्य हरियाणा में भाजपा की तथा पंजाब में इनके सहयोगी दल की सरकार होने के बावजूद मुख्यमंत्री राजे ने अंतरराज्यीय जल समझौते के मामले में पिले पैंतीस माह से खामोशी अख्तियार कर रखी है जो कि राज्य हित में नहीं है।

डूडी ने कहा कि रावी-व्यास नदी जल बंटवारे के मामले में पंजाब और हरियाणा ही नहीं राजस्थान भी प्रमुख पक्षकार है। इसलिए यह सिर्फ दो राज्यों के बीच का विवाद नहीं है। इंदिरा गांधी नहर प्रदेश के ह मरूस्थलीय जिलों की जीवन-रेखा है और अंतरराज्यीय जल बंटवारे के पानी पर निर्भर है। 

उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 1981 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौजूदगी में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के मध्य जो समझौता हुआ था उसके तहत इंदिरा गांधी नहर को 8.6 एमएएफ पानी मिलना चाहिए, लेकिन पंजाब सिर्फ 8 एमएएफ पानी दे रहा है। वहीं भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड में राजस्थान का प्रतिनिधित्व लगातार टाला जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पंजाब पिले कई बरसों से इंदिरा गांधी नहर में अपने औद्योगिक शहरों का प्रदूषित जल छोड़ रहा है। जिससे इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र के हजारों किसान कैंसर रोग से ग्रस्त हो गये हैं। साथ ही, पंजाब के सीमा क्षेत्र में बड़े स्तर पर अवैध पंप लगाकर राजस्थान के हिस्से का जल जबरन खींच लिया जाता है।
-भाषा
 



 

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