आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने महाराणा प्रताप गौरव केन्द्र का शुभारंभ किया

Samachar Jagat | Monday, 28 Nov 2016 08:57:20 PM
RSS Chief Mohan Bhagwat inaugurates Maharana Pratap Gaurav Kendra in Udaipur

उदयपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को महाराणा प्रताप गौरव कें का शुभारंभ किया। इसमें मेवाड के 29 महापुरुषों की मूर्तियां लगाई गई हैं।

भागवत ने कहा कि यह पहला ऐसा गौरव स्थल है। महाराणा प्रताप अपने पराक्रम, त्याग, युद्घनीति और षासन संचालन की दृष्टि से ऐसे इतिहास पुरुष हो गए हैं जिनकी तुलना किसी अन्य विश्व-पुरुष से नहीं की जा सकती। ऐसे वीरों की यशगाथाएं केवल याद करने की नहीं, अपितु उनके अनुसार कार्य को गति एवं प्रगति देने से ही हमारा वर्तमान बलिष्ठ बनता है।

उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप की कार्यप्रणाली और जनसहयोग के बल पर लोकप्रियता अर्जित करने जैसा उदाहरण इतिहास में कहीं नहीं मिलेगा। उनसे यह प्रेरणा मिलती है कि अंतिम विजय सत्य और सत्व की होती है। सौ बार असत्य बोलने से सत्य की प्रतीत तो होने लगता है किंतु अंततोगत्वा उसकी चमक खोती हुई असत्य के रूप में ही फलित होती है। जहां धर्म है वहां कर्तव्य के खातिर देश के लिए समर्पण और मर मिटने की भावना होती है। प्रताप ने बता दिया कि विपरीत परिस्थितियों से लडकर कैसे समाज सबल और समर्थ बनाया जा सकता है।

केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि देश हमें सबकुछ देता है, हम भी कुछ देना सीखें जैसी राष्ट्रभक्ति की उदात्त मनसा की समर्पित के आह्वान से प्रारंभ किया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के सपनों को सार्थक करने की भावना लिए काम कर रही है। उनसे जब भी हमारी मुलाकात होती है वे राजस्थान की पर्यटन और संस्कृति से जुडी समृद्घ धरोहर की ओर पूरे विश्व का ध्यान खींचने को लालायित रहती हैं। यहां महाराणा उदयसिंह से लेकर कुंभा, सांगा, राजसिंह, जयसिंह, पद्मावती, पन्नाधाय, चेतक और भामाशाह जैसे और भी नाम हैं जो पूरे विश्व की मानवता के लिए प्रेरणा के प्रकाश स्तंभ हैं।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रताप गौरव केन्द्र की प्रशंसा करते हुए कहा कि उदयपुर में विश्वस्तरीय चीज बनी है। महाराणा प्रताप की अष्टधातु की 57 फुट ऊंची प्रतिमा के दर्शन हो जाते हैं। यह केन्द्र उदयपुर आने वाले पर्यटकों के लिए अद्भुत होगा और उन्हें दुनिया से हटकर एक नई चीज देखने को मिलेगी। इतना भव्य केन्द्र बनाने में लोगों ने अपने-अपने हिसाब से आहूतियां दी हैं। दुनिया में कहीं भी राजस्थान का नाम लिया जाता है तो महाराणा प्रताप का नाम अपने आप ही जुड जाता है।

प्रताप गौरव कें 9 दिसंबर से आम जनता के लिए खुलेगा। इसे देखने का किराया 100 रुपए निर्धारित किया गया है।



 

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