नदियों का भविष्य सँवारे, मां नर्मदा को बचाये

Samachar Jagat | Monday, 23 Jan 2017 05:27:05 PM
Rivers Sanvaare future, the rescued mother Narmada

हरदा। मध्यप्रदेश में जारी ‘नमामि देवी नर्मदे‘ सेवा यात्रा के 41 वां दिन इसके हरदा जिले के ग्राम गोयत नांदरा पहुंचने पर लोगों ने नर्मदा नदी के पानी को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया। नर्मदा सेवा यात्रा के जिले के गोयत गांव पहुंचने पर आज पूर्व मंत्री कमल पटेल और भाजपा जिलाध्यक्ष अमरसिंह पटेल को ध्वज और नर्मदा कलश विधायक संजय शाह ने सौंपा। 

इस अवसर पर पूर्व मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पुण्यदायिनी मोक्ष दायिनी मां नर्मदा को विलुप्त होने से बचाने और नदियों का भविष्य संवारने के लिए सभी वर्ग-समुदाय के लोगों को स्व-प्रेरणा से आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा के किनारे पेड़ों की कटाई से नदी में पानी का बहाव काफी कम हुआ है। 

उन्होंने कहा कि जन-भागीदारी से अधिक से अधिक पेड़ लगाने पर जल का स्तर बढ़ेगा और पर्यावरण में भी काफी सुधार होगा। उन्होंने ग्रामीणों को राज्य सरकार की नर्मदा नदी किनारे फलदार वृक्ष लगाने की योजना की जानकारी दी और नर्मदा नदी के पानी को स्वच्छ रखने का संकल्प दिलवाया। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी के घाटों को पक्का किया जाएगा और घाटों पर श्रद्वालुओं के लिए सभी सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जायेगी।

यहां साध्वी प्रज्ञा भारती ने यात्रा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इच्छा नर्मदा का श्रंगार हरियाली चुनरी उड़ाकर करना है। 

इसके लिये दोनों किनारे पर एक किलोमीटर की परिधि में फलदार, छायादार वृक्ष लगाने की योजना बनाई गयी है। उन्होंने ग्रामीणों से दाह संस्कार नियत मुक्ति धाम में करने के लिए कहा। उन्होंने पूजन सामग्री में फूल, नारियल, पन्नी, विसर्जन कुण्ड में डालने के लिए भी कहा। 

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार नर्मदा नदी के किनारों पर ट्रीटमेंट प्लांट लगा रही हैं और इसके लिए अमरकंटक में मुख्यमंत्री ने 1500 करोड़ रूपए की राशि दिये जाने की घोषणा की है। नर्मदा की सामूहिक आरती के बाद ग्रामीणों ने नर्मदा नदी के महत्व पर केन्द्रित लोक गीतों एवं नृत्यों की प्रस्तुति दी। 

नर्मदा यात्रा में आज बडी संख्या में ग्रामीण शामिल हुये और वह अजनई, सुरजना और भमोरी के लिए रवाना हुए। जगह-जगह यात्रा का गाँव की महिलाओं ने स्वागत किया। यात्रा में जन-जागरूकता के लिए ‘नदी नहीं यह जननी है, रक्षा हमको करनी है और माँ नर्मदा का करे श्रंगार, वृक्ष लगाए छायादार‘’नारे लगाए गए। यात्रा का कई जगह विभिन्न धर्मों के लोगों ने आगे आकर अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा का स्थान सबसे ऊपर है।
 



 

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