नर्मदा यात्रा को लेकर धर्मगुरूओं ने शिवराज की सराहना की

Samachar Jagat | Monday, 16 Jan 2017 03:28:07 PM
religious leaders commended shivraj chauhan Narmada yatra

भोपाल। मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी के संरक्षण के उद्देश्य से निकाली जा रही नर्मदा सेवा यात्रा की शुरुआत करने के लिए विभिन्न धर्मगुरूओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सराहना करते हुए इसे राज्य का भविष्य संवारने की पहल निरूपित किया है। आज यहां जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार राज्य के आदिवासी अंचल में स्थित जिले मंडला के शहर काजी हसीमुद्दीन कादरी का कहना है कि पानी को पाक-साफ रखने और उसकी हिफाजत करने का काम धर्म से बड़ा है। चाहे किसी भी धर्म को मानने वाला हो, पानी के बगैर नहीं जी सकता। उनका मानना है कि नर्मदा साफ हो जाती है और दोनों किनारों पर हरियाली घनी हो जाती है तो यह बड़ा उपयोगी कार्य होगा। 

कादरी मानते हैं किचौहान नर्मदा को बचाने के साथ शराबबंदी के लिये जो कोशिश कर रहे हैं, उससे अच्छाई बढ़ेगी। अभी लोग नर्मदा जैसी पवित्र नदी के किनारे जाकर नशा करते हैं। यह अच्छी बात नहीं है। 

विज्ञप्ति के अनुसार सिख धर्म के पंथी हरजीत सिंह का मानना है कि नर्मदा नदी के किनारे रहने वालों को मिलकर नदी रक्षक वाहिनी बनाना चाहिए। सभी छोटी-बड़ी नदियों के लिए नदी रक्षक वाहिनी बनना चाहिए। नदी के किनारों की चौकसी सुनिश्चित होना चाहिए। गंदगी होने देने से रोकना ही सबसे बड़ा काम है। 

नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक के गीता स्वाध्याय मंदिर के नर्मदानंद गिरी महाराज का कहना है कि मुख्यमंत्री लोगों को समझाने निकले हैं कि नर्मदा नदी की पवित्रता कैसे बरकरार रखी जाए। नदी में साबुन-सोडा नहीं डालना चाहिए। यह जीवन देती है। शराब बंदी के बारे में अपने विचार रखते हुए वे कहते हैं कि शराब बुरी चीज है और इसे पूरी तरह से प्रतिबन्धित करना चाहिए। सिर्फ नर्मदा के किनारों पर ही क्यों पूरे प्रदेश में शराब पर प्रतिबन्ध लगना चाहिए। 

मृत्युंजय आश्रम अमरकंटक के महामंडलेश्वर हरिहरानंद सरस्वती भी इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए शराब को महामारी मानते हैं। उनका कहना है कि पहले नर्मदा नदी के किनारों पर और फिर पूरे प्रदेश में शराबबंदी लागू किया जाना चाहिए। वे कहते हैं कि चौहान ने नर्मदा सेवा यात्रा की जिम्मेदारी संतों और समाज को सौंपी है। यह राजनैतिक यात्रा नहीं। यह प्रत्येक वर्ग की यात्रा है। 

पर्यावरणीय और आध्यात्मिक चेतना जागृत करने वाली नर्मदा सेवा यात्रा को नर्मदा मिशन के भैयाजी सरकार इसे एक अनूठी यात्रा मानते हुए कहते हैं $िक नर्मदा आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है। संतों और सरकार के बीच संवाद की कमी थी वो मुख्यमंत्री की पहल से अब पूरी हो गई है।

शराबबंदी के सम्बन्ध में वे कहते हैं कि यदि नर्मदा परिक्रमा पथ को आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बना दें, तो सरकार और समुदाय को ज्यादा आय होगी।  होशंगाबाद के शहर काकाी अशरफ नर्मदा यात्रा को कुदरत की इबादत कहते हैं। वे भी नर्मदा नदी को बचाने के लिए निकाली जा रही इस यात्रा की सराहना करते हैं।

मुख्यमंत्री की पहल पर यह यात्रा कुछ समय पहले अमरकंटक से शुरू हुई है और लगभग पांच महीनों तक राज्य के विभिन्न इलाकों से गुजरकर यह यात्रा अमरकंटक में ही संपन्न होगी। यात्रा के दौरान चौहान स्वयं, धर्मगुरूओं और सामाजिक संगठनों के अलावा आम नागरिकों के सहयोग से लोगों को नर्मदा नदी के संरक्षण के बारे में जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। 



 

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