प्रधानमंत्री मोदी के डिजीटल इंडिया अभियान से जुड़ी राजस्थान पुलिस

Samachar Jagat | Friday, 10 Mar 2017 01:56:48 PM
Rajasthan police digital

जयपुर। राजस्थना पुलिस भी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रोजेक्ट डिजीटल इंडिया के तहत डिजीटल होने जा रही है। जानकारी के अनुसार राजस्थान प्रदेश की टोंक जिला पुलिस सीसीटीएनएस (क्राईम क्रिमीनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम) के तहत अब पूरी तरह से ऑनलाइन हो चुकी है। टोंक राजस्थान जिले का पहला ऐसा जिला बन गया है जहां पुलिस के सभी कार्य ऑनलाइन हो रहे हैं।

इस सिस्टम के तहत आमजन के कार्य समय पर पूर्ण हो सकेंगे। इसके साथ ही सिस्टम में हार्डकोर अपराधियों का भी डाटा रहेगा जिससे कहीं भी कोई भी वारदात हो उस अपराधी का रिकॉर्ड तुरंत उपलब्ध हो सकेगा। इसके अलावा पुलिस को पेपरलैस भी किया जा सकेगा। अधिकतर पुलिसकर्मीयों का समय कागजात पूरे करने में बीत जाता है।

टोंक जिला पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन ने बताया कि 1 मार्च 2017 को सबसे पहले हमने सदर, महिला थाना टोंक, दतवास एवं थाना मालपुरा पर सीसीटीएनएस के तहत कार्य प्रारम्भ किया। इसके बाद 6 मार्च को जिले के अन्य 14 थानों को ऑनलाईन किया जोकि पूरी तरह से सफल रहा। इसके बाद महिला दिवस पर शेष रहे 4 थानों को भी सीसीटीएनएस के तहत ऑनलाईन कर दिया है। इस प्रकार जिला टोंक के समस्त पुलिस थाने सीसीटीएनएस पर ऑनलाईन किए जा चुके है। 

सीसीटीएनएस के लिए कई समस्याओं से पड़ा था जूझना 

पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन ने बताया कि सीसीटीएनएस (क्राईम क्रिमीनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम) को लागू करने के लिए सबसे पहले थानों में इंटरनेट की आवश्यकता महसूस हुई। इसके साथ ही ग्रामीण थानों में बिजली कनेक्शन की भी समस्या सामने आई। प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए शहरी एवं ग्रामीण थानों में बिजली कनेक्शन, इन्टरनेट कनेक्टिविटी को सुचारू करवाया गया। इसके बाद प्रशिक्षित पुलिस कम्प्यूटर ऑपरेटर की समस्या को सुलझाया। 
सीसीटीएनएस से क्या होगा लाभ 
1.पुलिस थानों से जिला एवं पुलिस मुख्यालय एवं अन्यत्र पुलिस विभाग में परस्पर पत्राचार एवं सूचनाओं का आदान प्रदान सरल हो सकेगा।
2.अनावश्यक स्टेशनरी, रिकॉर्ड के रखरखाव में कमी आएगी।
3.सीसीटीएनएस ऑन लाईन प्रारम्भ होने से परिवादी द्बारा अपनी एफआईआर के सम्बन्ध में शिकायत करने पर उच्च अधिकारी अपने स्तर पर सम्बन्धित थाने की एफआईआर का अवलोकन कर सकेगा एवं सम्बन्धित अनुसंधान अधिकारी को दिशा निर्देश जारी कर सकेगा। थानों से पत्रावली मंगवाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी, जिससे उच्चाधिकारियों द्बारा प्रभावी मॉनिटरिंग हो सकेगी। उच्चाधिकारी एफआईआर, शिकायत, आपराधिक फाईल, प्रकरण की प्रगति रिपोर्ट, पुलिस स्टेशन की प्रगति रिपोर्ट, नागरिक सेवाओं का अव लोकन कर सकते है एवं तत्काल निर्देश जारी कर सकते है। जांच रिपोर्ट को स्वीकृत व अस्वीकृत कर सकते है।
4. सीसीटीएनएस में पुलिस का पहला कार्य एफआईआर आम/जनरल /जनरलझ डायरी है, जिसके तहत पुलिस थाना की प्रत्येक होने वाली गतिविधियॉ रिकॉर्ड की जाती है, सीसीटीएनएस में यह निर्धारित समय पर ही करना होगा, जिसमें किसी भी प्रकार का फेरबदल सम्भव नहीं हो सकेगा, इससे एफआईआर आम की जनता एवं कानून प्रक्रिया में विश्वसनीयता बढगी।
5.सीसीटीएनएस के तहत जिले से राज्य एवं राज्य से सम्पूर्ण भारत के अपराधियों के आपराधिक रिकार्ड का डेटाबेस तैयार हो जाएगा, जिससे पुलिस को अपराधी के बारे में संपूर्ण जानकारी तुरन्त ही प्राप्त हो जाएगी।
6.वर्तमान में आम नागरिक को अपनी एफआईआर के लिए थाने पर जाना पड़ता है, सीसीटीएनएस के तहत परिवादी ऑन लाईन ही अपनी एफआईआर की प्रति प्राप्त कर सकेगा, उसे थाने पर जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
 



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.