जयपुर। राजस्थान में गुर्जर आंदोलन मामला फिर गर्माता जा रहा है। इस बार विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) के तहत आरक्षण के लिए आंदोलनरत गुर्जर समाज ने सोमवार को फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। गुर्जर समाज की ओर से लगाई गई अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट 3 मार्च को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में समाज की ओर से एसबीसी आरक्षण में छूट देने की मांग की गई है।
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इसमें कहा गया है कि आरक्षण के पूर्व प्रावधान के तहत प्रक्रियाधीन नियुक्तियों में गुर्जर समाज के अभ्यर्थियों को छूट दी जाए। हम आपको बता दें कि राजस्थान के दौसा जिले में सिकंदरा में आरक्षण की मांग पर अनशन पर बैठे युवक की पिछले सप्ताह धरना स्थल पर ही शादी हुई थी। शादी के बाद भी यहां अनशन जारी है।
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उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष दिसंबर में राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान में गुर्जर आरक्षण मामले को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था। कोर्ट ने गुर्जरों को आरक्षण का प्रावधान किए जाने के लिए बनाए गए एसबीसी आरक्षण कानून को रद्द कर दिया था।
जस्टिस मनीष भंडारी की बेंच ने इस कानून और इसके लिए जारी की गई अधिसूचना को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया था। इस फैसले के बाद सरकारी नौकरियों में चयन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद गुर्जर और अन्य चार जातियों के अभ्यर्थियों को नियुक्ति भी अटक गई।
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