मुख्यमंत्री ने राजस्थान के विकास में सदन, प्रदेशवासियों का सहयोग मांगा

Samachar Jagat | Friday, 03 Mar 2017 04:30:01 AM
Rajasthan Chief Minister House in development, sought the cooperation of the State

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में आज सत्तापक्ष की नेता वसुंधरा राजे ने सदन और प्रदेशवासियों से खुशहाल राजस्थान निर्माण में सहयोग देने की अपील करते हुए कहा कि आपके सहयोग के बिना यह काम पूरा नहीं होगा।

वहीं नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर हर मोर्च पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि केन् सरकार के सहयोग के बिना प्रदेश का विकास संभव नहीं है इसलिए मुख्यमंत्री केन् से अपने रिश्ते सुधारे ताकि विकास को गति मिले। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा पर मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत सेेेे उसे पारित कर दिया।

वसुंधरा ने धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि हम चुनौतियों का सामना करते हुए प्रदेश को आगे बढाने का काम कर रहे हैं। हमने प्रदेश के विकास में राजनीतिक भेदभाव नहीं किया है। सरकार ने कांगे्रस का गढ़ माने जाने वाले इलाकों में तत्कालीन कांगे्रस सरकार से अधिक राशि विकास कार्यो पर खर्च की है।

उन्होंंने कहा कि सरकार ने तीन साल मेंं बिजली, सडक़, पानी समेत अन्य क्षेत्र में इतने विकासकार्य किए हैं, जितना तत्कालीन कांगे्रस सरकार पांच साल में नहीं कर पायी थी। गत तीन वर्षों मेंं सडक़ों के निर्माण पर 13,240 करोड़ रूपये और पेयजल योजनाओं पर 13,106 करोड़ रूपये खर्च किये हैं जबकि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पांच साल में भी इतनी राशि खर्च नहीं की।

सरकार को किसान हितैषी बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘किसानों की आय दुगुनी करने पर काम चल रहा है, बढ़ी हुई कृषि बिजली दरों को वापस लिया गया है, गुणवतापूर्ण बिजली की आपूर्ति की जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने उदय योजना के तहत बिजली कम्पनियों के करीब 8000 करोड़ रूपये का भार स्वयं अपने उपर लिया है।

वसुंधरा ने कहा कि बिजली तंत्र को सुधारने, छीजत कम करन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है यदि छीजत कम हो गयी तो बिजली की दरें बढाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। किसानों को तीन साल मेंं चौबीस हजार करोड़ रूपये का अनुदान दिया है। देश में इससे अधिक अनुदान किसी राज्य में किसानों को नहीं दिया गया है।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिये बिना कहा कि अनियमताओं के खिलाफ चल रही कार्यवाहियों से परेशान होकर अधिकारियों और कर्मचारियों को सूचियां तैयार करने की धमकियां दी जा रही हैं। मुझे लगता है कि शायद सत्ता की खुमारी अभी तक उतरी नहीं है।

उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को भयमुक्त होकर काम करने का निर्देश देते हुए कहा कि सच्चाई, निष्ठा और ईमानदारी से काम करें। जोधपुर विश्वविद्यालय में भर्ती अनियमताओं की जांच जारी रहेगी इसकी आंच दूर तक जायेगी। उन्होंने प्रदेश के गिरते भूजल पर सदन को आगाह करते हुए कहा कि राज्य में भूजल की स्थिति खराब है। सदन को इस मुद्दे पर एकजुटता से सोचना होगा। इस दिशा में मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन अभियान के प्रथम चरण में किये गये कार्यो की चर्चा करते हुए कहा कि इससे भूजल बढा है और प्राकृतिक जलस्त्रोतों में पानी आया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की विकासपरक सोच की वजह से ही प्रदेशवासियों की प्रतिव्यक्ति आय 57 हजार रूपये वर्ष 2015-2016 हो गयी है, जो वर्ष 2013 में प्रतिव्यक्ति आय 27 हजार रूपये थी। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने सरकार को प्रदेशवासियों की समस्याओं के समाधान में विफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण युवा बेरोजगार हैं, सरकारी नौकरी में चयन होने के बावजूद नियुक्तियां नहीं दी जा रही हैं। विशेष पिछड़ा वर्ग में चयनित करीब साढे चार हजार युवा नियुक्ति देने की मांग को लेकर आन्दोलनरत है लेकिन सरकार उनकी सुन नहीं रही है।

डूडी ने कहा कि राज्य सरकार के केन् सरकार से संबध अच्छे नहीं होने के कारण केन् से प्रदेश को विकास कार्यो में सहयोग नहीं मिल पा रहा है। राज्य सरकार ने केन् सरकार के सहयोग से कई विकास योजनाओं का श्रीगणेश किया लेकिन केन् से राशि नहीं मिलने के कारण काम आरंभ ही नहीं हुए।
रामेश्वर डूडी ने कहा कि रिससेंट राजस्थान पर करोड़ों रूपए खर्च हुए, निवेशकों को मुफ्त में जमीन देने की बात कही गयी, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेन् मोदी के नहीं आने साथ ही यह आयोजन फ्लाप हो गया था। राजस्थान का विकास करना है तो आपको मुख्यमंत्री केन् सरकार से संबध सुधारने होंगे, आप इस काम में लगे हुए है। यह अच्छी बात है। उन्होंने नोटबंदी से हुई परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन् मोदी की नोटबंदी योजना ने बैंकों में भ्रष्टाचार बढा दिया है, नोटबंदी के दंश से प्रदेश अब तक नहीं उबरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सैकड़ों युवाओं को रेाजगार देने और करोड़ों रूपये का राजस्व देने वाली बाडमेर रिफाइनरी को सरकार ने जानबूझकर ठंडे बस्ते मेंं डाल दिया है।

राजपा नेशनल पीपुल्स पार्टी के नवीन पिलानिया ने अध्यक्ष द्वारा बोलने का अवसर नहीं देने से नाराज होकर मुख्यमंत्री का संबोधन शुरू होने से पहले ही सदन से बहिर्गमन कर गये। उन्होंने कहा, बोलने का अवसर नहीं मिलने के कारण बहिर्गमन कर रहा हूं। भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाडी ने सरकार द्वारा पीपीपी जनसहभागिता योजना के तहत प्रदेश की चिकित्सा, वन समेत अन्य कई योजनाएं देने के प्रस्तावों पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि सरकार के यह निर्णय उचित नहीं हैं। सरकार को इन पर पुर्नविचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण जिस अधिकारी ने तैयार किया है उसके कमजोर प्रस्तुती के कारण सरकार की कई योजनाओं का जिक्र नहीं हो सका और कई योजनाओं को लेकर भ्रम की स्थिति है। उस अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। तिवाडी ने सरकार में नंबर दो को लेकर दो मंत्रियों के बीच चल रहींं रस्साकसी पर चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार प्रदेश में चल रहे आन्दोलन की नब्ज पहचान कर तुंरत निर्णय ले वर्ना यह सभी आंदोलकारी संगठन एक जगह एकत्रित हो गये तो सरकार के लिए बड़ी आफत बन जायेगी।

उन्होंने सरकार द्वारा हालिया दिनों किये गये निर्णयों पर प्रश्नचिन्ह लगाये। गौरतलब है कि पूर्व भाजपा सरकार में शिक्षा मंत्री रहे घनश्याम तिवाडी समय समय पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी की कार्यशैली को लेकर प्रतिकूल टिप्पणियां करने को लेकर चर्चा में है। -(एजेंसी)



 
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