राजस्थान बजट-2017-18: प्रदेश ने नए बजट को लेकर संजोए सपने

Samachar Jagat | Tuesday, 07 Mar 2017 07:45:35 PM
Rajasthan Budget-2017-18: State Conservatives Dream About New Budget

मनीष महावर
जयपुर।
राज्य सरकार जल्द ही 2017 का बजट पेश करने वाली हैं और जाहिर है कि इसके लिए राज्य सरकार ने पूरी तैयारियां भी कर ली होगी। प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे संभवत: 8 मार्च को राजस्थान विधानसभा में 2017 का बजट पेश करेगी। इस बजट में कई अहम योजनाओं की घोषणा हो सकती है।

हम आपकों बता दें कि इससे पहले 2016 में राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में राजस्व घाटा 5231 करोड़ रुपए था वो इस वर्ष 2016-17 में करीब 8801 करोड़ रुपए होने की आशंका जताई जा रही है। इस बजट में प्रदेश की मुख्यमंत्री राजे जनता को लुभाने के लिए कई लोकलुभावनी घोषणाएं कर सकती है।

अब देखना होगा की इस बजट में सरकार की ओर से क्या-क्या घोषणाएं की जाएगी जिससे जनता को राहत महसूस हो सकें। एक और जहां पूरे देश में नोटबंदी के बाद बाजार ठप पड़ा हुआ है।

इससे राजस्थान भी अछुता नहीं रहा है। राजस्थान प्रदेश में भी नोटबंदी के चलते कई उद्योग-धंधे मंदे पड़े हैं। जिसके कारण व्यापारी वर्ग भी 2017 के बजट में कुछ रहतों की आस लगाएं बैठे हैं। फिलहाल देखना होगा की राज्य सरकार के आखिर दो सालों में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने बजट से जनता को खुश रख पाएगी या नहीं।

इन पर रहेगा फोक्स

नए जिलों का गठन

पिछले तीन सालों से राजस्थान में नए जिलों के गठन को लेकर कई मामले उठते रहे हंै। लेकिन सरकार की ओर से अभी तक ऐसा कोई भी प्रयास नहीं किया गया है। लेकिन इस बार के बजट में ऐसा हो सकता है कि कुछ कस्बों को नए जिले का नाम मिले। जानकारी के अनुसार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राजस्व राज्य मंत्री अमराराम ने नए जिलों के गठन के लिए संदेश दिया था।

फिलहाल राजस्थान में अभी 33 जिले हैं और इस बजट के बाद हो सकता है कि इनकी संख्या में बढ़ोतरी हो जाए। जानकारी के अनुसार सांभरलेक, शाहपुरा, फुलेरा, कोटपूतली, शाहपुरा, फलौदी, ब्यावर, केकड़ी, मदनगंज-किशनगढ़, सलूंबर, खैरवाड़ा, सराड़ा सहित कई जिलों के कस्बों से जिले बनाने की मांग काफी लंबे समय से चल रही है। लेकिन अब तो यह बजट ही बता पाएगा कि इस कस्बों के निवासियों को नए जिले की की खुशी मिलेगी या नहीं।

सरकारी नौकरियों में भर्ती

राज्य सरकार ने जब चुनाव लड़ा था तो उनके चुनावी भाषण में सबसे बड़ा मुद्दा सरकारी नौकरियों का ही था। सीएम वसुंधरा राजे ने प्रदेश में 15 लाख सरकारी नौकरियां देने का जनता से वादा किया था। इसी वादे और विकास के मुद्दों को लेकर भाजपा सरकार सत्ता में आई थी। लेकिन भाजपा सरकार के तीन सालों के शासन में अभी तक बेरोजगारों को 15 लाख नौकरियां नहीं मिली है।

इन बेरोजगारों को भी 2017 के बजट से उम्मीदें हैं कि इस बजट में सरकार द्वारा नई भर्तीयों की घोषणा की जा सकती है। वहीं एक्सपर्ट का मानना है कि संभवत: 8 मार्च को पेश होने वाले इस बजट में सरकार सरकारी नौकरियों का पिटारा खोल दें। प्र्रदेश की मुख्यमंत्री इस बजट में शिक्षा विभाग में शिक्षकों, पुलिस विभाग, चिकित्सा विभाग सहित अन्य सरकारी विभागों में नई भर्ती का ऐलान कर सकती हैं।

पिछले साल की अधूरी पड़ी योजनाओं के लिए अतिरिक्त बजट की घोषणा 

राज्य सरकार की ओर से 3 मार्च 2016 को सदन में पेश किए गए बजट में कई घोषणाए की गई थी। इन घोषणाओं में से कई घोषणाएं तो पूरी हो गई मगर अभी भी कई ऐसी योजनाएं हैं जो या तो शुरू नहीं हुई है या फिर शुरू होने की कगार पर है। प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस बार पेश होने वाले बजट में इन रुकी हुई योजनाओं के लिए नई कार्ययोजनाएं तैयार कर इन्हे धरातल पर लाने के बारे में भी घोषणाएं कर सकती है। क्योंकि सरकार को ज्ञात है कि इन योजनाओं को पूरा कराना कितना जरूरी है।

बाड़मेर रिफाइनरी

राजस्थान के बाड़मेर इलाके में स्थित रिफाईनरी का मुद्दा पिछले तीन सालों से अटका पड़ा है। लेकिन अभी तक रिफाइनरी को लेकर सरकार की ओर से पॉजीटिव संकेत नजर नहीं आए हैं। उधर रिफाइनरी को लेकर बार-बार विपक्षी पार्टियों द्वारा उठाएं गए सवालों से भी राज्य सरकार पर दबाब बना हुआ है। तो हो सकता है इस बार बजट में बाड़मेर रिफाइनरी को लेकर भी कुछ घोषणाएं हो जाएं।

गांवों और दूर दराज इलाकों को जोडऩे के लिए नवीन सडक़ों का निर्माण

ग्रामीण गौरव पथ योजना के अन्तर्गत राजस्थान के ग्रामीण और दूर दराज के इलाके जहां अभी तक सडक़ें नहीं बन पाई है और वो इलाके जहां क्षतिग्रस्त सडक़े हैं। ऐसे इलाकों में नवीन सडक़ों के निर्माण और क्षतिग्रस्त सडक़ों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार अतिरिक्त बजट आवंटित करने की घोषणा कर सकती है। इस अतिरिक्त बजट के कारण प्रदेश में कई हजार किलोमीटर नई सडक़े बनेंगी।

पिछले साल के बजट में प्रदेश की मुख्यमंत्री ने ही कहा था कि गौरव पथ योजना में जिन सडक़ों का निर्माण अभी तक नहीं हुआ हुआ है उनका निर्माण अगले साल तक पूरा हो जाएगा। लेकिन अभी भी कई गांव ऐसे है जहां सडक़ों का निर्माण नहीं हुआ। इन्हीं गांवों को ग्रामीण पथ योजना से जोडऩे के लिए नवीन सडक़ों का निर्माण कराया जा सकता है। इसके लिए संभव है कि इस बार के बजट में सडक़ों के नवीनीकरण को लेकर सरकार अतिरिक्त बजट आवंटन की घोषण कर सकती हैं।

नोटबंदी से बंद उद्योगों को मिल सकता है पुनर्जन्म 

2017 के बजट से उद्योग जगत ने भी काफी उम्मीदें संजों रखी है। नोटबंदी के चलते बंद हुए उद्योगों के लिए यह बजट एक वरदान साबित हो सकता है। इस बजट में निवेश को ध्यान में रखकर राज्य सरकार की ओर से ऐसे व्यापारियों को अपनी और आकर्षित करने के लिए नई घोषणाएं की जा सकती है।

राज्य में बंद पड़े उद्योगों को नया जीवन दान देने के लिए भी कोई योजना सामने आ सकती है। ऐसे बंद पड़े उद्योगों के लिए ऋण उपलब्ध कराने पर जोर रहेगा और सरकारी बैंकों माध्यम से इन्हे लोन दिलवाकर इन उद्योगों को पुन: शुरू करने की कवायत की घोषण की जा सकती है। 

किसानों के ऋण माफ होने की उम्मीद

सहकारी बैंकों के माध्यम से लिए गए ऋणों की मार झेल रहे किसानों को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। ऐसे किसान जिन पर करीब एक लाख रुपए के आस-पास का लोन है और जो इस कर्ज को चुकाने में असहमत है तो सरकार ऐसे किसानों के ऋणों को माफ करने की घोषणा भी कर सकती है।

वहीं ऐसे किसाना जिनकी फसले बारिश, ओलावृष्टि और अतिवृष्टि के कारण खराब हो चुकी है और उन किसानों के पास नई फसल बुआई के लिए पैसा नहीं हैं। उन किसानों को सरकारी बैंकों से अतिरिक्त ऋण देने की घोषणा भी इस बजट में हो सकती है। उधर सरकारी मंडियों के निर्माण और मरम्मत के लिए, नए गोदामों के निर्माण के लिए, मंडियों में किसानों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए भी राज्य सरकार इस बजट में अतिरिक्त बजट आवंटित करने की घोषणा कर सकती है।

तंबाकू उत्पादों के टैक्स में बढ़ोतरी

सीएम राजे ने साल 2015-16 के बजट में तंबाकू उत्पादों पर लगने वाले टैक्स में बढ़ोतरी की थी। वहीं इस 2016-17 के बजट में भी तंबाकू उत्पादों के टैक्स में और बढ़ोतरी की जा सकती है। राज्य सरकार के खजाने को भरने में तंबाकू उत्पादों का बहुत योगदान है क्योंकि प्रदेश में तंबाकू उत्पादों से सबसे अधिक टैक्स प्राप्त होता है। तो हो सकता है कि वसुंधरा सरकार पिछले साल के बजट की तरह ही इस साल भी तंबाकू उत्पादों पर अत्यधिक टैक्स की घोषणा कर दें।
 



 

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