जयपुर। भारतीय संसदीय प्रणाली की जानकारी लेने आये तीस देशों के संसदीय प्रतिनिधमंडल ने आज राजस्थान विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह से विधानसभा की कार्यवाही के बारे में जानकारी ली।
सिंह ने आज विधानसभा में संसदीय दल के प्रतिनिधिमंडल को बताया कि विधानसभा सत्र का आरम्भ राज्यपाल के अभिभाषण से होता है। उन्होंने बजट पारण तथा विधि निर्माण के विभिन्न चरणों की जानकारी दी। साथ ही विधानसभा की समितियों के दायित्वों एवं उनके निर्वहन की प्रक्रिया व कानून निर्माण की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तार से बताया।
उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को राज्य के बजट के बारे में बताया कि प्रदेश की सरकार बिना विधानसभा की अनुमति के एक भी पैसा व्यय नहीं कर सकती। विधानसभा के प्रभावी कार्यसंचालन के लिए सत्तारूढ़ दल व विपक्षी दलों दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है तथा उनके समन्वयपूर्ण व्यवहार से ही आम जन का कल्याण सुनिश्चित हो सकता है। उन्होंने पंचायती राज एवं संसदीय र्कायप्रणाली सहित अनुसूचित जाति व जनजाति योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
इस अवसर पर लोकसभा सचिवालय के संसदीय अध्ययन एवं प्रशिक्षण केन्द्र (बीपीएसटी) के निदेशक पुलीन भूतिया ने बताया कि लोकसभा सचिवालय द्वारा 1985 में संसदीय प्रशिक्षण र्कायक्रम की शुरूवात की गयी थी। अब तक 100 से अधिक देशों के 1000 से अधिक ससंदीय पदाधिकारी भाग ले चुके हैं। यह 32वां प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का संर्पूण व्यय भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
प्रारम्भ में विधानसभा सचिव पृथ्वी राज ने प्रतिनिधिमण्डल का स्वागत करते हुए बताया कि विधानसभा में 19 समितियां कार्य कर रही हैं जिनमें चार वित्तीय समितियां शामिल हैं।