अजमेर। राजस्थान में अजमेर जिले के पुष्कर पशु मेले में अनेक प्रकार के पशुओं के साथ साथ कई नस्ल के अश्व आए हैं तथा एक करोड़ रूपये लगने के बाद भी मालिक अपने हर्ष (घोड़े का नाम) को बेचने को तैयार नही हैं और यह घोड़ा मेले में आकर्षण का केन्द्र बना हुआ हैं।
अजमेर के पास थांवला कालावड़ के बालाजी नृसिहं मंदिर गौरी कुण्ड पीठाधीश्वर महंत बाबा बालकदास हर्ष को लेकर मेले में आए हैं। गत मेले में ही हर्ष की कीमत 51 लाख लग चुकी थी लेकिन बालकदास ने नहीं बेचा था। इसी घोड़े का बछेरा चेतन भी अनमोल हैं जिसकी उम्र महज साढे तीन साल हैं। हर्ष के कई बछेरे 25 लाख से अधिक मूल्य के हैं।
इसी प्रकार मेले में पंजाब के लुधियाना निवासी गुरूप्रतापसिहं भी मारवाड़ी नस्ल का बेमिसाल नामक अश्व को लेकर यहां आए हैं कालेरंग के इस अश्व की उम्र साढे चार साल हैं और कीमत 51 लाख रूपये बताई जा रही हैं। इसके अलावा मेले में मालानी, संध, पंजाबी, काठियावाड़ा, गुजराती एवं देशी नस्ल सहित करीब 42 नस्लों के अश्व आते रहे हैं।
मेले में अश्व के अलावा ऊंट, बैल एवं भैंस भी पशुपालक बेचने के लिए आए हैं।
पशुपालन विभाग मेले में पशुओं की आवक से संतुष्ट दिखाई दे रहा हैं तथा गत दो दिनों में कोई ढाई हजार पशुओं की आवक हुई जिससे पशु खरीददारो के चेहरे खिले हुए नजर आ रहे हैं।