अजमेर। राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन अली खान द्वारा मंगलवार को दिए गए गोमांस बैन को लेकर विवाद छिड़ गया है। ये बयान दीवान के लिए इतना मंहगा साबित हुआ कि उन्हे दीवान के पद से हटा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार दरगाह के सूफी जैनुल के भाई अलाउद्दीन आलिमी ने उन्हें दरगाह के दीवान पद से हटाने का ऐलान कर अपने आप को ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह का दीवान घोषित कर दिया। उल्लेखनिय है कि दरगाह के दीवान सूफी जैनुल आबेदीन खान ने मंगलवार को गोमांस और गोहत्या को लेकर एक बयान दिया था।
इस बयान के अनुसार उन्होंने कहा था कि गोमांस और गोहत्या पर सख्त कानून बनाया जाए। उन्होंने अपने बयान में ये भी कहा था कि मुस्लिम लोगों को भी गोमांस नहीं खाना चाहिए।
इससे दो समुदायों के लोगों के बीच में दरार पड़ती है। यहीं नहीं उन्होंने तीन तलाक मामले पर भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि तीन तलाक इस्लाम विरोधी है। अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन ने गोहत्या पर प्रतिबंध की मांग की थी।
मुस्लिम लोगों से की थी गोमांस न खाने की अपील:
दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने मुस्लिम लोगों से अपील की थी कि वह भी गोमांस ना खाए और ना किसी को खाने दें। उन्होंने कहा था कि मैं और मेरा परिवार गोमांस नहीं खाता और जो लोग मेरे घर आएंगे उन्हे भी मैं गोमांस न खाने की सलाह दुंगा।
उल्लेखनिय है कि अभी ख्वाजा साहब की दरगाह में 805वां उर्स चल रहा है। इसी उर्स में उन्होंने यह बयान दिया था। उन्होंने ना सिर्फ बीफ बैन पर बल्कि गाय को हिन्दुओं की आस्था का प्रतिक बताते हुए राष्ट्रीय पशु घोषित करने की बात कही थी। इसी बयान के चलते उन्हे अपनी दीवान की गद्दी से हटाया गया है।