सदन में पारित हुआ निर्वाण विश्वविद्यालय विधेयक

Samachar Jagat | Saturday, 04 Mar 2017 12:48:04 PM
Nirvana University Bill passed in the Assembly

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को निर्वाण विश्वविद्यालय जयपुर विधेयक-2017 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय ज्ञान आयोग ने देश में 1500 विश्वविद्यालयों की आवश्यकता को रेखांकित किया था जबकि 2004 में देश में 394 विश्वविद्यालय थे।

इस पृष्ठभूमि में वर्तमान सरकार के पिछले कार्यकाल में ‘राजस्थान प्राइवेट विश्वविद्यालय अधिनियम, 2005’ लाया गया। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ावा हमारी सरकार के द्वारा दिया गया और 2007 में बनाए गए दिशा-निर्देशों के तहत प्रारंभ में वर्तमान सरकार ने अपने पूर्व कार्यकाल में 13 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना की और इन्हीं दिशा-निर्देशों के तहत अब राज्य में 44 निजी विश्वविद्यालय स्थापित किए जा चुके हैं।

माहेश्वरी ने कहा कि यह गौरव का विषय है कि सरकारी एवं निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयासों के कारण ही प्रदेश में आज 24 राजकीय विश्वविद्यालय एवं 44 निजी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभी 15 नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) जारी किए गए हैं तथा 17 अन्य विश्वविद्यालयों के प्रस्ताव पाइपलाइन में हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि निर्वाण विश्वविद्यालय, जयपुर विधेयक इसी दिशा में उठाया गया नवीनतम कदम है। यह विश्वविद्यालय, झर, जिला जयपुर में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है जो जयपुर सहित समीपवर्ती जिलों दौसा, करौली, भरतपुर और सवाईमाधोपुर सहित पूर्वी राजस्थान के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवीन अवसर प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना से प्रत्यक्ष रूप से 1000 व्यक्तियों को तथा परोक्ष रूप से 8 से 10 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा एवं अगले पांच वर्षों में ट्रस्ट के द्वारा आगामी पांच वर्षों में 150 से 400 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश किया जाना प्रस्तावित है। माहेश्वरी ने कहा कि राज्य सरकार न केवल निजी विश्वविद्यालयों को बढ़ावा दे रही है बल्कि इनकी सतत मॉनिटरिंग भी कर रही है तथा अधिनियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर एवं शिक्षा की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ करने पर संस्थानों के विरूद्ध अधिनियम की धारा 41 एवं 44 के तहत कठोर कदम भी उठा रही है।

उन्होंने कहा कि निजी  क्षेत्र में स्थापित उच्च शिक्षा के केन्द्रों में शैक्षणिक गुणवत्ता बनाए रखने तथा इन पर प्रभावी नियंत्रण हेतु राज्य सरकार राजस्थान उच्च शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग के गठन हेतु भी प्रयासरत है। प्रस्तावित आयोग अन्य राज्यों की तरह न्यायिक गतिरोध का शिकार न हो, इस हेतु समुचित सावधानियां बरती जा रही है। इससे पहले विधेयक को जनमत जानने हेतु परिचालित करने का संशोधन प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया। 
 



 

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