जयपुर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आपसी राजीनामें के आधार पर लंबित मुकदमों को निपटारे के लिए शनिवार को समूचे राजस्थान में राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया गया। राजधानी जयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नवीन भसहा ने दीप प्रज्जवलन कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया।
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समूचे प्रदेश में इन लोक अदालतों के लिए आठ प्रकृति के मामलों के निपटारे के लिए अलग-अलग बैंचों का गठन किया गया है जिनमें प्रदेश भर के विभिन्न न्यायालयों में चल रहे मुकदमों में से चिंह्नित चार लाख से अधिक प्रकरणों को आपसी राजीनामें से निपटारा कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन लोक अदालतों में लगभग 70 हजार मुकदमों का आपसी समझाईश और राजीनाम से निस्तारण होने की संभावना है।
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राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव एस के जैन ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में रिटायरल बेनिफिट, इन्ड्रस्ट्रीयल डिस्पयूट एक्ट 1947, ट्रांसफर, कैट, सलेक्शन ग्रेड,एम.ए.सी.टी. प्री-लिटिगेशन, पैरॉल व जे.डी.ए आदि से संबंधित आठ विभिन्न प्रकृति के लगभग 5 हजार मुकदमें राष्ट्रीय लोक अदालत में चिंह्नित कर निस्तारण के लिए रखे गए हैं।
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इनमें से लगभग तीन-चार हजार मुकदमों के निस्तारण शनिवार ही होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इन मुकदमों के निपटारे के लिए अकेले जयपुर में ही दस बैंचों का गठन किया गया है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय लोक अदालत में किए गए निर्णय एवं फैसले अन्तिम होते हैं। इस निर्णय के खिलाफ किसी भी अदालत में अपील नहीं की जा सकती।
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