अजमेर। केंद्रीय अल्प संख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संत बताते हुए कहा है कि उनका स्वभाव सूफी मिजाज वाला है। नकवी रविवार को यहां ईरान की ओर से दरगाह में लगाए गए शिलालेख का लोकार्पण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वह आगामी एक अप्रेल को पुन: ख्वाजा साहब की दरगाह में हाजरी लगाने आएंगे और प्रधानमंत्री की ओर से सालाना उर्स के लिए दी गई मखमली चादर मजार पर पेश करेंगे।
नकवी ने सर्किट हाउस में ख्वाजा साहब के सालाना उर्स के लिए दरगाह कमेटी और जिला प्रशासन की ओर से की गई तैयारियों के संबंघ में अधिकारियों की समीक्षा बैठक भी ली। उन्होंने अधिकारियों को उर्स में आने वाले लाखों जायरीनों को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
ईरान के शिलालेख का लोकार्पण
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में ईरान की ओर से पेश किए गए तुगरे (शिलालेख) का लोकार्पण किया। नकवी ने ख्वाजा साहब के 805वें सालाना उर्स के अवसर पर बुलंद दरवाजे पर ईरान की ओर से लगभग डेढ़ मीटर ऊंचाई व एक मीटर चौड़ाई वाले इस शिलालेख का लोकार्पण करते हुए कहा कि यह भारत और ईरान के मजबूत रिश्तों को और नया आयाम देगा।
उन्होंने कहा कि यह केवल शिलालेख ही नहीं है बल्कि यह दो मुल्कों को जोडऩे और अमन, इंसानियत व भाईचारे का पैगाम है। उन्होंने इसके लिए ईरान सरकार के प्रति आभार जताया। ईरान के राजदूत अंसारी ने भी अपने संबोधन में भारत सरकार का धन्यवाद किया और कहा कि इससे दोनों मुल्कों के रिश्तों को और ज्यादा मजबूती मिलेेगी।
शिलालेख में ईरान की शैली में ख्वाजा गरीब नवाज की मशहूर जमाना रूबाई शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन... लिखा है। दरगाह कमेटी को यह तोहफा अल कदीर इन्टरनेशनल फाउंडेशन ईरान की ओर से दिया गया। छोटी टाइलों से बने इस शिलालेख को पुरानी ईरानी शैली का एक नायाब नमूना बताया जा रहा है ।
इस अवसर पर ईरानी धर्मगुरु व ईरानी कलचर हाउस के प्रमुख हिज्ज तुल इस्लाम वल मुस्लेमीन आका ए मेंहदी मैहदवीपुर तथा ईरान के भारत में राजदूत गुलाम रजा अंसारी भी उपस्थित रहे।
वार्ता