जयपुर। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने गुरुवार को बच्चों मेें दस्त रोग प्रतिरक्षण दवा रोटा वायरस वैक्सीन की खुराक पिलाकर निशुल्क रोटा वायरस वैक्सीन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सराफ ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि बच्चों को रोटा वायरस वैक्सीन की ड्रोप पिलाने के साथ ही प्रदेश में बच्चों में दस्त रोग प्रतिरक्षण का यह टीका टीकाकरण सारणी में शामिल हो गया है।
उन्होंने कहा कि यह खुराक 6,10 और 14 सप्ताह की आयु वाले लगभग साढ़े 17 लाख बच्चों को नियमित टीकाकरण के साथ समस्त राजकीय चिकित्सा केन्द्रों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर नि:शुल्क पिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 2 साल तक के सभी बच्चों के लिए टीबी, पोलियो, गलघोंटू, काली खांसी, टिटनेस, मैनिन्जाईटिस, न्यूमोनिया, हैपेटाइटिस-बी, खसरा इत्यादि जानलेवा बीमारियों के बचाव के टीके टीकाकरण में शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि दो वर्ष तक की उम्र के बच्चों की अकाल मृत्यु में दस्त रोग भी मुख्य कारण है एवं इसी के मद्देनजर इसे टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इससे पूर्व हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा, हरियाणा एवं आंध्रप्रदेश में यह वैक्सीन नियमित टीकाकरण में शामिल था। सराफ ने बताया कि देश में बच्चों की होने वाली मौतों में से 13 प्रतिशत बच्चों की मौत डायरिया से होती है एवं 40 प्रतिशत बच्चों को दस्त होने के कारण चिकित्सालय में भर्ती कर उपचार की आवश्यकता होती है।
रोटा वायरस से संक्रमण के कारण बच्चों में गंभीर दस्त रोग होने से उनकी मृत्यु तक हो सकती है। इससे कुपोषण तथा बाद में मानसिक अवरोध उत्पन्न होने लगते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। बच्चों की होने वाली मौतों में से अनेक मौतों को सम्पूर्ण टीकाकरण से रोका जा सकता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए 2020 तक सम्पूर्ण टीकाकरण के निर्धारित लक्ष्यों को विशेष कार्ययोजना बनाकर पूर्ण किया जाएगा। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वीनू गुप्ता ने बताया कि 2025 तक नवजात मृत्यु दर को 32 प्रति हजार से 16 प्रति हजार एवं शिशु मृत्यु दर को 23 प्रति हजार एवं सम्पूर्ण टीकाकरण 90 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस अवसर पर यूनीसेफ के राष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. सतीश गुप्ता ने प्रजेंटेशन के माध्यम से रोटा वायरस एवं वैक्सीन के तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी।
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