जयपुर। जयपुर में चल रहे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में आरएसएस के साथ एक सैशन के दौरान आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने आरक्षण व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरक्षण जारी रहने की स्थिती में अलगाव पैदा होने की बात कही है। हालांकि वैद्य ने अपनी बात का स्पष्टिकरण भी दिया और कहा की संघ आरक्षण के पक्ष में है।
ये सब कहा वैद्य ने
-जयपुर साहित्य सम्मेलन में बोलते हुए मनमोहन वैद्य ने कहा कि, "आरक्षण का विषय भारत में एससीएसटी के लिए अलग से आया है। उस समाज का पूर्व में शोषण हुआ है। उनको साथ लाने के लिए संविधान में आरंभ से आरक्षण का प्रावधान किया गया है।"
-"डॉ. अंबेडकर ने कहा है कि किसी भी राष्ट्र में हमेशा के लिए आरक्षण का प्रावधान रहना अच्छा नहीं है, जल्द से जल्द से इसकी आवश्यक्ता निरस्त कर सबको समान अवसर देने का समय आना चाहिए, ऐसा उन्होंने कहा है।"
-उन्होंने कहा, 'किसी भी राष्ट्र में हमेशा के लिए ऐसे आरक्षण की व्यवस्था का होना अच्छी बात नहीं है. सबको समान अवसर और शिक्षा मिले....यह अलगाववाद बढ़ाने वाली बात होगी।'
-संघ के प्रचार प्रमुख ने बेबाकी से सभी सवालों के उत्तर दिए। उन्होंने सेकुलरिज्म के सवाल पर कहा कि, “यह भारत का शब्द नहीं है। फिर भी यह भारत में बड़ा पवित्र हो गया है।
-भारत में ऐसी परिस्थिति कभी थी ही नहीं। यहां पहले से ही सेकुलरिज्म रहा है। यह तो हिंदुत्व की परंपरा में ही है। यह शब्द संविधानकर्ताओं को पता था। यह शब्द बाद में क्यों आया, किसी को पता नहीं। विपक्षी लोग जेल में थे।”
-वैद्य ने कहा कि देश में आरक्षण को लेकर राजनीति चल रही है। उन्होंने कहा कि एक विशेष वर्ग को ज्यादा प्रोत्साहन देना, इस भाव से इस शब्द को लाया जा रहा है। इससे समाज में भेद बढ़ रहा है।”
-उन्होंने कहा कि “आजादी के बाद इतने साल बाद भी समाज पिछड़ा क्यों है? इसके लिए राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं, राष्ट्रीय विचार से सोचना चाहिए।”
-वैद्य ने बाद में अपने बयान पर सफाई दी। कहा- मैंने कहा था कि जब तक समाज में भेदभाव है, तब तक आरक्षण रहेगा। संघ आरक्षण के पक्ष में है।
वहीं लालू यादव ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरक्षण किसी की खैरात नहीं है। उन्होंने ट्विट के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी।