बैंक के बाहर ग्राहकों की कतार,अंदर बैंककर्मी बेहाल

Samachar Jagat | Saturday, 12 Nov 2016 03:33:38 PM
lukhnow long queue out of bank for note replacement

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में नोटों की अदला बदली के तीसरे रोज भी बैंक शाखाओं के बाहर लगी लंबी कतार कम होने का नाम नही ले रही हैं वहीं सुबह से देर शाम तक ड्यूटी पर जमे बैंककर्मी अतिव्यस्तता के चलते उच्च रक्तचाप और हाईपर टेंशन का शिकार होने लगे हैं। 

बलिया से लेकर गाजियाबाद तक समूचे प्रदेश में 500 और 1000 रूपये के नोटों को बदलने वाले और पुराने नोटों को खाते में जमा कराने वाले लोगों की कतार तडक़े से ही देखी जा सकती है। विभिन्न बैंकों के एटीएम पर भी लगी लंबी कतार इशारा करती है कि लोगों की जरूरत के अनुसार अभी पूरा पैसा मिला नही है।

बच्चे से लेकर उम्रदराज लोग कतार पर लगकर घंटों अपनी बारी का इंतजार करते देखे जा सकते हैं जबकि कई को पैसे न/न मिलने से मायूस होकर बैंक प्रशासन और सरकार की आलोचना करते हुए घर वापस लौटते देखा जा सकता है।

लगभग हर बैंक शाखा में सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम होने के वावजूद छिटपुट झडप की घटनायें आम हो चुकी है। इस दौरान कई ग्राहकों को बैंककर्मियों से बेवजह उलझते देखा जा सकता है। काम के दवाब से झटपटाते बैंककर्मियों को ग्राहकों का यह अंदाज कतई नही भा रहा है। कई मौकों पर बैंक अधिकारियों की मौजूदगी में महिला कर्मियों से अभद्र टिप्पणी करने वाले ग्राहकों को मामूली चेतावनी के बाद बैंक से बाहर कर दिया गया। 

राजधानी लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में स्थित एक बैंक में कार्यरत महिलाकर्मी ने अपनी पीडा साझा करते हुये कहा कालेधन पर अंकुश लगाने का सरकार का फैसला निसंदेह अच्छा है मगर इस फैसले ने हमारी रात की नींद और दिन का चैन उडा दिया है। हम लोगों को सुबह आठ बजे तक बैंक पहुंचने के निर्देश दिये गये हैं। 

बैंक कर्मी ने कहा जल्द बैंक पहुंचने की हडबडाहट में घरेलू कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुये है जबकि शाम को आठ बजे के बाद हम बैंक से वापस लौट पा रहे हैं। 12 घंटे से अधिक की ड्यूटी के दौरान दोपहर का भोजन और चाय भी ठीक से नही ले सकते। उधर ग्राहक जरा सी गलती पर गालीगलौच कर रहा है।  

हरदोई जिले में स्थित एक बैंक के शाखा प्रबंधक ने कहा हम अपना काम पूरी संजीदगी और इमानदारी से कर रहे हैं मगर बैंक से बाहर कतार में खडे ग्राहक को इससे कोई मतलब नही है। वह सिर्फ जल्द से जल्द अपना पैसा चाहता है। बैंक ने नोट बदलने के लिए  एक विशेष साफ्टवेयर तैयार किया है जिस पर नोट बदलने की दशा में ग्राहक की आईडी से कुछ इंट्री करनी पडती है जिसमें कुछ समय लगना जो वाजिब है और यदि लेनदेन में जरा सी चूक हो जाए तो जेब से पैसा भरना पड़ेगा और विभागीय जांच का खतरा अलग। ग्राहकों को हमारे जोखिम की भी परवाह करनी चाहिए।

झांसी में कार्यरत एक बैंक अधिकारी ने कहा काम का दवाब इस कदर है कि तीन दिन से नींद भी पूरी नही हो सकती है। सुबह सात बजे बैंक के लिए निकलना पड रहा है जबकि सारा कामकाज निपटा कर रात 11 बजे बैंक से वापस घर लौट रहा हूं। उधर लाइन में खडा ग्राहक बात बात पर नारेबाजी और हमसे गालीगलौच कर रहा है। हमारे सहयोगियों पर चिड़चिड़ाहट हावी होने लगी है। कुछ महिला कर्मियों को हाई ब्लड प्रेशर के कारण कुछ समय के लिए आराम दिया गया है। 
 



 

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