जयपुर। नोटबंदी के 15 दिन बाद भी बैंकों और एटीएम के बाहर नकदी निकासी के लिये और जमा करवाने की लंबी कतारें यथावत है।
बैंकों द्वारा बंद हुए नोटों को नहीं बदलने और एटीएम खाली होने से प्रतिदिन के खर्चे के लिये कतार में खडे परेशान लोग कालाधन रोकने ओर भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये सरकार द्वारा पांच सौ और एक हजार के नोट बंदी के निर्णय को सराहनीय कदम तो बता रहें है, लेकिन निर्णय को तैयारी से लागू नहीं करने से जनता को हो रही परेशानियों से नाराज दिखाई दिये।
जयपुर स्थित रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर प्रतिदिन के खर्चे के लिये पांच सौ और हजार रूपये को बदलवाने की कतार में खडे नगीनों का काम करने वाले सद्दीक ने बताया कि बैंक आफ इंडिया के अपने खाते में बंद हुए पांच सौ और एक हजार रूपये के नोटों को जमा कराने के लिये पिछले चार दिनों लाइन में खड़े होने के बावजूद उनका नम्बर नहीं आ सका है।
सांभरलेक से जयपुर आये विष्णु कुमार साधवानी ने बताया कि सरकार ने पांच सौ और एक हजार के नोटबंदी का निर्णय तैयारी के साथ नहीं किया, इससे आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
रामगंज बाजार में त्नदूर पर काम करने वाले मजदूर जुम्मनभाई ने बताया कि उनका खाता स्टेट बैंक में है, लेकिन वहां लम्बी कतार के कारण उनका नम्बर पिछले तीन दिनों से नहीं आने के कारण आज रिजर्व बैंक से नोट बदलवाने की कतार में खडे है।
कतार में खडे नगीनों का काम करने वाले मकसूद अहमद ने बताया कि उनका बैंक में खाता ही नहीं है। मजदूरी में मिले पांच सौ और एक हजार के रूपये को बदलावने के लिये पिछले दो घंटे से कतार में खड़े हैं।
स्कूल की छुट्टी करके पांच सौ रूपये के चार नोट बदलवाने के लिये कतार में खडे 17 वर्षीय जुनैद खान ने बताया कि उनकी मां का पंजाब नेशनल बैंक में खाता है लेकिन पिछले दो दिनों से कतार में खड़े होने के बावजूद उनका नम्बर नहीं आने पर उन्हें आज स्कूल की छुट्टी लेकर नोट बदलवाने के लिये कतार में खड़े होना पडा है, क्योंकि उनकी मां नौकरी पर गई है।