जयपुर। आईटी सिक्योरिटी सिस्टम अब जवाई, रणथंभौर, सरिस्का, मुकंदरा हिल के अलावा झालाना आरक्षित वनक्षेत्र में भी विकसित होगा। यह उत्तरांचल के जिम कार्बेट पार्क की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इसके तहत बघेरे के कॉरिडोर क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे से नजर की जाएगी।
बुधवार को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बजट घोषणा में प्रदेश में बाघ और बघेरे संरक्षण के साथ अन्य अवैध गतिविधियों की रोकथाम को लेकर आरक्षित वनक्षेत्र में 7 करोड़ की लागत से आईटी सिक्योरिटी सिस्टम लागू करने की घोषणा की है। जवाईक्षेत्र के पैरवा, श्रीसेला, दूदनी, बेड़ा, वेलार बलवना आदि क्षेत्रों में 50 से अधिक बघेरे फैमिली आबाद है।
प्रोजेक्ट पर होंगे 7 करोड़ रुपए खर्च
वन क्षेत्रों में विकास को लेकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जवाई क्षेत्र में मानव और बघेरे के बीच शांतिपूर्ण जीवन का उदाहरण देते हुए उनके संरक्षण की बात कही। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 7 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वाइल्डलाइफ अधिकारियों के मुताबिक इस सिक्योरिटी सिस्टम के तहत क्षेत्र में जहां भी बघेरे फैमिली निवास कर रही है उनके कॉरिडोर यानि, क्षेत्रों को चिह्नित किया जाएगा।
CCTV कैमरे से होगी निगरानी
इसके साथ ही उन स्थानों को भी चिह्नित किया जाएगा जहां से स्थानीय लोगों की आवाजाही से बघेरा परिवारों को खतरा है। उन्हीं स्थानों का चयन कर वहां CCTV कैमरे लगाए जाएंगे। अधिकारियों का दावा है कि इसके लिए जवाई क्षेत्र में बेस स्टेशन बनेगा। यह भी संभावना जताई जा रही है कि जवाई बांध क्षेत्र में बने आईपीसी सेंटर में इसका बेस स्टेशन रहेगा।