नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से मतदान को बंद करने और इसके लिए जारी बजट सत्र में ही विधेयक लाने की मंगलवार को राज्यसभा में मांग की जबकि सरकार ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता और ईवीएम को पूरी दुनिया में मान्यता मिली है।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने पर शून्यकाल में नियम 267 के तहत यह मुद्दा उठाते हुए ईवीएम से वोटिंग को समाप्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इसके लिए कानून बनना चाहिए और जारी सत्र में ही इससे संबंधित विधेयक आना चाहिए। जब मायावती अपनी बात रख रही थी तभी कांग्रेस के सदस्य भी उनके समर्थन में खड़े हो गए और जोरजोर से बोलने लगे।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस पर कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर कोई सवाल नहीं उठाता है। ईवीएम से वोटिंग की वैश्विक स्तर पर सराहना हो रही है और पूरी दुनिया इसकी सराहना कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार और दिल्ली में दूसरे दलों की हुई जीत तो ईवीएम सही था लेकिन अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की हुई जीत से ईवीएम खराब हो गया है।
इससे पहले उप सभापति पी जे कुरियन ने मायावती के नियम 267 के नोटिस को अस्वीकार करते हुए कहा कि चुनाव सुधार पर कल सदन में चर्चा होगी और उस दौरान इससे जुड़े मुद्दे उठाए जा सकते हैं। इसी दौरान कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने हाल ही संपन्न विधानसभा चुनावों के बाद गोवा में बीजेपी के गठन में वहां के राज्यपाल की कार्यप्रणाली पर चर्चा कराने के दिए गए औपचारिक नोटिस का मुद्दा उठाया है।
जिस पर कुरियन ने कहा कि यह नोटिस अभी सभापति के विचारार्थ है और इस नोटिस को अस्वीकार्य नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के हाल ही संपन्न चुनावों में मिली हार के बाद से ही बसपा ईवीएम को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है और इससे मतदान को समाप्त करने की मांग कर रही है।