जयपुर के कुंजेश बने मेमोरी के बादशाह, बनाया रिकॉर्ड

Samachar Jagat | Monday, 03 Apr 2017 05:19:08 PM
Jaipur's Kunjesh  the new King of Memory

जयपुर। लाइफ में सफलता पाने के लिए शार्प मेमोरी बहुत जरुरी है। शार्प मेमोरी के अभाव में इस प्रतिस्पर्धा वाली दुनियां में अपने आप को साबित करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। भारत देश में अक्सर कहा जाता है कि दिमाग का तेज होना तो किस्मत के ऊपर निर्भर करता है। 

मस्तिष्क का विकास करने और उसे तेज बनाने के लिए निरंतर प्रयास की जरूरत होती है। हमें तेज मस्तिष्क लगातार मेहनत के सहारे भी मिल सकता है। इस बारे में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में भी शोध किया गया है। इस शोध के बाद हार्वर्ड के साइकोलॉजिस्ट जॉर्ज मिलर ने एक नियम बनाया था जिसे उन्होंने चंकिंग नाम दिया था।

इस नियम के अनुसार किसी भी सूचना या लेसन को अगर छोट-छोटे टुकड़ों में याद किया जाए तो वह बेहतर तरीके और लंबे समय तक याद रहता है। लेकिन लोग इसका उलट करते हैं। लोग किसी सूचना को याद करने के लिए उसे एक बार में ही याद करने की कोशिश है।

ऐसा करने से कुछ याद तो जरूर होता है लेकिन फिर भी उस सूचना में से कई सारे टॉपिक दिमाग से बाहर निकल जाते है। जिसका मतलब है मेमोरी पर विपरित प्रभाव। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि सामान्य इंसान अधिकतम 9 अंक और न्यूनतम 2 अंक याद रख सकता है। लेकिन चंकिंग नियम अपनाकर लोग इससे ज्यादा संख्याओं को भी याद रख सकता है।

वेदों में छिपा है मैमोरी शार्प करने का राज:    

मैमोरी गुरु कुंजेश शर्मा का मानना है कि मैमोरी को शार्प करने का राज वेदों में छुपा है। कुंजेश के अनुसार वेदों में बताया गया है कि याददाश्त की क्षमता अन्नत: है। वहीं उनका मानना है कि ब्राह्मांड में मानव मस्तिष्क अब तक की सबसे सशक्त मशीन है। उन्होंने मानव मस्तिष्क के दो भाग बताए है।

पहला भौतिक और दूसरा कार्य करने का कार्यक्रम। उन्होंने बताया कि अगर हम अपने मस्तिष्क की कार्यप्रणाली समझ जाएं तो अपने आप ही हमारा मस्तिष्क शार्प हो सकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के विद्यालयों में बच्चों के मस्तिष्क को शार्प करने के लिए हम व्याख्यान विजन 2020 पर सेमीनारों का आयोजन करते है। 

बच्चों को ट्यूशन की जरूरत नहीं:

मैमोरी गुरु कुंजेश शर्मा का मानना है कि जो विषय विद्यालय में बच्चों को पढ़ाया जाता है लेकिन फिर भी बच्चे उन्हें समझ नहीं पाते। लेकिन जब ट्यूशन के जरिए बच्चों को वही सब दुबारा बताया जाता है तो उसे वो सब कुछ आसानी से समझ में आ जाता है ऐसा क्यों?

इसके पीछे कारण स्पष्ठ है सवालों को समझने और उनके याद रखने को लेकर स्कूल और ट्यूशन पर अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जब बच्चे इस सेमीनार में आएंगे तो उन्हे मालूम पड़ जाएगा की उन्हे ट्यूशन की कोई जरुरत नहीं है। वह अपने आप में ही उन चीजों को आसानी से समझ सकेंगे और उन्हे लंबे समय तक याद रख सकेंगे। 

इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक में नाम दर्ज:

मैमोरी गुरु कुंजेश शर्मा की शॉर्प मैमोरी के कारण इनका नाम इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में भी दर्ज हो चुका है। उन्होंने एक मिनट में 270 डिजिट्स याद करके और तेज गति से सुनाकर इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है। कुंजेश ने हाल ही में पाई (π) की असीमित डिजिट्स का डाटा याद करके यह साबित कर दिया कि इंसानी मस्तिष्क में असीमित शक्ति छुपी हैं। 



 

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