जयपुर। पुलिस ने एक बार फिर नौकरी के नाम पर ठगी करने वालो को दबौचा है। नोएडा की कम्पनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों में दिल्ली की दो युवतियां भी शामिल है। आरोपियों द्वारा दिल्ली और भरतपुर में ठगी करने की जानकारी सामने आई है।
राजधानी में ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी पुलिस ने कई नौकरी के नाम पर ठगी करने वालो को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी अलग-अलग कंपनियों के फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बेरोजगारों से रजिस्ट्रेशन और मेडिकल के नाम पर रुपए ऐंठते है।
ऐसे करते है ठगी
हाल ही में दिल्ली की दो युवतियों और एक युवक जयपुर आए और अखबार में नौकरी दिलाने का विज्ञापन दिया। दिल्ली के तीनों आरोपियों ने भरतपुर और टोंक के दो और युवकों को अपने साथ मिलाया।
इसके तहत सिंधी कैम्प के पास स्थित एक होटल में बेरोजगारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। हर एक बेरोजगार से 750 रुपए रजिस्ट्रेशन और इंटरव्यू के नाम पर लिए गए। इंटरव्यू में सलेक्शन होना बताकर नोएडा की ऑटोमोटिव कम्पनी में नौकरी का फर्जी नियुक्ति पत्र थमा रहे थे। एक बेरोजगार को संहेद होने पर उसने ऑटोमोटिव कंपनी का रजिस्ट्रेशन नम्बर पूछ लिया तो आरोपी की जुबान लडख़ड़ाने लगी और बात को टाल दिया। इसके बाद पीडि़त शख्स ने सिंधी कैम्प पुलिस थाने में सूचना दी।
पुलिस ने हल्के में नहीं लिया मामला
पीडि़त शख्स की बात पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दिल्ली निवासी अमन कुमार, गीतांजलि, निशी मिश्रा, भरतपुर निवासी जितेन्द्र और टोंक निवासी कन्हैयालाल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी दो दिन पहले ही जयपुर आए थे। एक होटल में रूके हुए थे और होटल के कमरे में ही इंटरव्यू ले रहे थे। आरोपियों ने दो दर्जन से ज्यादा बेरोजगारों के साथ ठगी की वारदात की थी, लेकिन FIR दर्ज कराने के लिए एक ही पीडि़त शख्स सामने आया।
पुलिस को जांच में पता चला है कि दिल्ली निवासी आरोपी अमन और गीतांजलि रिश्ते में भाई-बहिन है। ये दोनों दिल्ली में भी नौकरी के नाम पर ठगी की वारदातें कर चुके हैं। दिल्ली की ही एक अन्य युवती निशी को इन्होंने अपने गिरोह में शामिल किया और जयपुर आकर ठगी की वारदातें करने लगे। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर अन्य वारदातों का पता लगाने में जुटी है। पुलिस आशंका है की इस गैंग में और भी लोग शामिल है।