जयपुर। राजधानी में गुरूवार को बड़े ही धूमधाम से गणगौर की शाही सवारी निकाली गई। माता गणगौर के दर्शनों के लिए जयपुर सहित आस-पास के गांवों से भी लोग आए। वहीं जयपुर घूमने आए देशी-विदेशी सैलानियों ने भी गणगौर मेले का आनंद लिया। गणगौर के दूसरे दिन बूढ़ी गणगौर की सवारी निकाली जाती है, इसी परंपरा के तहत आज शहर में बूढ़ी गणगौर की सवारी निकाली जाएगी।
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बूढ़ी गणगौर की सवारी आज पूरे शाही ठाट-वाट और धूमधाम के साथ त्रिपोलिया गेट (सिटी पैलेस) से प्रारम्भ होकर त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार, तालकटोरा से होते हुए पौण्डरिक गार्डन पंहुचेगी। परम्परा, संस्कृति के इस महोत्सव में राजधानी भक्ति के रंग से सराबोर होगी। आप ये जरूर जानना चाहेंगे कि गणगौर की सवारी निकलने के बाद दूसरे दिन बूढ़ी गणगौर की सवारी निकालने का क्या ओचित्य है या आखिर क्यों निकाली जाती है बूढ़ी गणगौर की सवारी।
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आपको बता दें कि जब गणगौर की सवारी निकाली जाती है तो इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग आते हैं, ऐसे में बच्चे और बुजुर्ग माता गणगौर की सवारी को देखने से वंचित रह जाते हैं और इसी कारण दूसरे दिन बच्चों और बूढ़ों के लिए बूढ़ी गणगौर की सवारी निकाली जाती है। जिससे वे आसानी से माता गणगौर के दर्शन कर सकें और उनका आर्शीवाद ले सकें।
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