जयपुर। ए.टी.एस. के सूत्रों के अनुसार फतेहपुर, सीकर, राजस्थान निवासी तथा दुबई में कार्यरत जमील अहमद पुत्र खलील अहमद बखेद द्वारा दुबई व शारजाह में रहते हुए बांग्लादेश व भारत से हवाला के जरिये प्राप्त धनराशि व स्वयं की आमदनी में से भी धनराशि वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के माध्यम से सीरिया में लड़ रहे आईएसआईएस के मुख्य लड़ाकों अबूसाद अल सूडानी, अबू उसामा उल सोमाली के लिए भेजी।
उक्त राशि आईएसआईएस लड़ाकों के नुमाइन्दों मोहम्मद अलसेखों, बासम अल गन्नाम, वालिद आयसा, इम्मार सिनेनोविक, मोहम्मद अलवाकी, अलिन अलहदद, कैसर बकर अली इत्यादि के जरिये लेबनान, टर्की, बोस्निया हर्जेगोविना आदि देशों में अभियुक्त जमील अहमद द्वारा भेजी गई थी।
अभियुक्त के कब्जे से प्राप्त मोबाईल तथा इसके दहानू, महाराष्ट्र स्थित फ्लैट से जब्त लेपटॉप, पेनड्राईव, मोबाईल हैण्डसैट, सिम आदि जब्त सामग्री को नई दिल्ली वास्ते परीक्षण भिजवाया गया है जिनकी परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने पर कुख्यात सरगना जमील अहमद के आतंकी संगठन आईएसआईएस से सम्पर्कों, सहयोग, उसके वांछित कार्यों व राजस्थान में आने का उद्देश्य इत्यादि के क्रम में खुलासा होने की पूर्ण सम्भावना है। अभियुक्त ट्वीटर व किक इत्यादि सोशल साइट्स से आईएसआईएस लड़ाकों से सीधे सम्पर्क में था तथा उसके द्वारा प्राईवेट चैट की जाती थी।
अभियुक्त के ई-मेल वगैरहा विश्लेषण से ज्ञात हुआ कि जमील अहमद एक दर्जे का रेडिकल बन चुका था। आईएसआईएस द्वारा की जा रही बर्बरतापूर्वक/नृशंस कार्यवाहियों को अभियुक्त उचित मानता था एवं उनकी प्रशंसा करता था। प्रकरण की जांच की यह स्पष्ट हुआ है कि अभियुक्त ने पिछले कुछ महिनों में दहानू महाराष्ट्र में सम्पतियां खरीदी जो इंगित करती है कि उसकी मंशा अपने परिवार के लिए उचित इंतजाम कर स्वयं के हिजरत कर सीरिया में आंतकी संगठन आईएसआईएस के साथ पूर्णकालिक सम्बद्घ होने की थी। इसके अकाउंट के तकनीकी विश्लेषण में इसके द्वारा करीब बीसियों बार मनी ट्रांजक्शन डिटेल मिली है तथा कुछ पाकिस्तानी पासपोर्ट भी मिले हैं।
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि अनुसंधान अधिकारी विजय स्वर्णकार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा आज अभियुक्त की न्यायिक अभिरक्षा प्राप्त कर जेल भिजवाया गया है। प्रकरण में अग्रिम अनुसंधान के क्रम में अनुसंधान अधिकारी द्वारा अभियुक्त की विदेश यात्रा विवरण, उसके दुबई प्रवास के दौरान कार्यकलाप तथा वहां के सम्पर्कों तथा प्राप्त पाकिस्तानी पासपोर्ट वगैरहा का खुलासा किया जायेगा। उक्त रिपोर्ट प्राप्त होने पर न्यायालय के आदेशानुसार अभियुक्त की पुन: पुलिस अभिरक्षा प्राप्त कर रिपोर्ट के क्रम में अनुसंधान किया जायेगा।