हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में दहेज हत्या के आठ साल पुराने मामले में आरोपी पति, सास और ससुर को आजीवन कारावास के साथ क्रमश: 35, 28 और 27 हजार जुर्माने की सजा सुनाई जबकि सबूतों के अभाव में ननद और मौसिया सास को दोष मुक्त कर दिया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार महोबा जिले के खन्ना क्षेत्र के खिरूही गांव निवासी बाबूलाल ने अपनी पुत्री पिंकी की शादी 15 फरवरी 2006 में सुमेरपुर क्षेत्र के कुण्डौरा गांव निवासी अजीत के साथ की थी। बाबूलाल ने अरोप लगाया कि दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर अजीत ने अपनी पत्नी भपकी और ढाई साल की बच्ची खुशबू पर मिट्टी का तेल छिडकर कर जलाकर मार दिया था। इस मामले अजीत और उसके माता-पिता के अलावा ननद रेनू और मौसिया सास को नामजद किया था।
इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोट्र (एफटीसी) द्वितीय ब्रम्हतेज चर्तुवेदी ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अभियुक्त पति, ससुर एवं सास को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास के साथ क्रमश: 35,28 और 27 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने सबूतों के अभाव में आरोपी ननद रेनू और मौसिया सास को बरी कर दिया।