नरेंद्र बंसी भारद्वाज
रणथम्भौर बाघ परियोजना के जोन नम्बर 6 में तीन नन्हे शावको के दिखाई देने के साथ ही रणथम्भौर का माहौल खुशियो से सरोबार हो गया । विभागीय अधिकारियो के अनुसार पार्क क्षेत्र के जोन नम्बर 6 में विचरण करनें वाली बाघिन टी-8 ने तीन शावकों को जन्म दिया जो आज सुबह की पारी में पहली बार पार्क भ्रमण पर जानें वाले पर्यटकों को दिखाई दिये। नन्हे शावको के आगमन से रणथम्भौर में बाघों के कुनबे में बढ़ोतरी हुई है। जो रणथम्भौर के लिए अच्छी खबर है।
रणथम्भौर बाघ परियोजना क्षेत्र के जोन नम्बर 6 में विचरण करनें वाली बाघिन टी-8 आज पहली बार अपने तीन नन्हे शावकों के साथ पर्यटको दिखाई दी। जिसे लेकर रणथम्भौर वन प्रशासन में खुशी की लहर है । विभागीय अधिकारियो के अनुसार आज सुबह की पारी के दौरान पार्क क्षेत्र के जोन नम्बर 6 में सारंग की पट्टी ईलाके में पर्यटकों द्वारा बाघिन टी-8 को तीन नन्हे शावकों के साथ देखा गया। जिनका पर्यटकों द्वारा विडियों भी बनाया गया।
उप वन संरक्षक सुदर्शन शर्मा के अनुसार तीनों शावक करीब दो से तीन माह की उम्र के है और आज पहली बार पर्यटकों को दिखाई दिये है। बालास फिमैल के नाम से प्रसिद्ध बाघिन टी-8 ने तीसरी बार शावकों को जन्म दिया है। तीनों नन्हे शावको की सुरक्षा को लेकर विभाग द्वारा विशेष माॅनिटरिंग की जा रही है।
रणथम्भौर को आबाद करनें में टी -8 का भी अहम योगदान रहा है। बाघिन टी-8 के तीन नन्हे शावको साथ के दिखाई देने से स्पष्ट होता है की रणथम्भौर में बाघो के कुनबे में बढ़ोतरी हो रही है। सरकार का रणथम्भौर में बाघों का प्रजनन करवाकर बाघों का कुनबा बढानें का उदेश्य पूरा होता दिखाई दे रहा है। ऐसे में रणथम्भौर पार्क के जोन नम्बर 6 पर भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों को यहाॅ बाघों के दीदार के साथ ही नन्हे शावको की अठखेलियां भी देखने को मिलेंगी रणथम्भौर में लगातार बढता बाघो का कुनबा निश्चित रुप से एक अच्छा संकेत है इससे रणथम्भौर के पर्यटन को बढावा मिलेगा और अधिक से अधिक पर्यटक रणथम्भौर भ्रमण पर आना चाहेगें।