नई दिल्ली। राजस्थान के बाड़मेर में तेल रिफाइनरी पर काम जल्द शुरू हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र की हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड एचपीसीएल ने 41,000 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली राजस्थान तेल रिफाइनरी पर काम शुरू करने का फैसला किया है।
एचपीसीएल के निदेशक मंडल ने रिफाइनरी को लेकर राज्य सरकार की वित्तीय प्रोत्साहनों की शर्तों पर सहमति जता दी है।
एचपीसीएल ने शेयर बाजारों को भेजी नियामकीय सूचना में कहा है, ‘‘एचपीसीएल निदेशक मंडल की आज यहां हुई बैठक में राजस्थान रिफाइनरी परियोजना पर काम शुरू करने और राजस्थान सरकार के साथ संशोधित सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी है।’’
कंपनी ने हालांकि इस मामले में अधिक ब्यौरा नहीं दिया है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस महीने की शुरआत में बताया था कि रिफाइनरी परियोजना के लिए वित्तीय प्रोत्साहनों में संशोधन किया गया है। इस महीने के अंत में जयपुर में आपसी सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
उन्होंने कहा, ‘‘रिफाइनरी परियोजना के लिए राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार ने जो वित्तीय पैकेज रखे थे उससे राजस्थान के उपर काफी बोझ बढ़ रहा था, लेकिन अब इसे संतुलित किया गया है।’’
प्रधान ने कहा कि इससे पहले जो भी वित्तीय रियायतें दी गई थीं वह कंपनी के पक्ष में थी लेकिन अब उन्हें नए सिरे से तय करके राज्य के पक्ष में किया गया है।
परियोजना पर पिछले पांच साल ये बातचीत चल रही है। इस पर 41,000 से 42,000 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। इससे पहले इसके लिए 37,320 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया था।
एचपीसीएल ने मार्च 2013 में राजस्थान सरकार के साथ रिफाइनरी परियोजना के लिए एमओए पर हस्ताक्षर किए थे। यह रिफाइनरी बाड़मेर में केयर्न इंडिया के तेल खोज स्थल के पास ही लगाई जाएगी।