कुचामनसिटी। गिरते भूजल स्तर अब इतना बढऩे लगा है कि गर्मियों के दिनों में पेयजल के लिए त्राही-त्राही मच जाएगी। मार्च के महीने में जलदाय विभाग द्वारा आपूर्ति से आधी मात्रा में ही आपूर्ति की जा रही है। विभागीय आंकड़ों एवं वास्तविकता को समझें तो यह निश्चित है कि गर्मियों में पेयजल के लिए जोरदार त्राही-त्राही मचेगी।
हालांकि जल संसाधन महकमे के अधिकारी दिन-रात गर्मियों में पेयजल की समस्या के समाधान के लिए रणनीति बनाने में जुटे हुए है परन्तु भू जल स्तर इतना गिर चुका है कि एक के बाद एक सरकारी ट्यूबवेल फैल हो रहे है तथा जिन ट्यूबवेल में पानी है, उनसे गत वर्ष की तुलना में आधी मात्रा में पानी की आपूर्ति हो पा रही है।
ये है हालात
जलदाय विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2011 में शहर की मूल आबादी 61 हजार 969 थी, जो वर्ष में बढक़र 71 हजार 768 हो गई। शहर की फ्लोटिंग आबादी (अन्य स्थानों से आए लोगों की आबादी) करीब 30 हजार है। इस प्रकार वर्तमान में शहर में लगभग कुल एक लाख 1 हजार 768 लोग निवास कर रहे है। जलदाय विभाग का मानना है कि एक व्यक्ति दिनभर 100 लीटर पेयजल का उपयोग करता है, जिससे शहर में एक करौड एक लाख तीन हजार 882 लीटर पानी की प्रतिदिन आवश्यकता होती है। शहर में वर्तमान में पानी का प्रोडेक्शन मात्र 43 लाख 44हजार लीटर ही है। इस उत्पादन के लिहाज से एक जने के हिस्से में मात्र 43 लीटर पानी ही आता है।
ये है ट्यूबवेलों की स्थित्रि
शहर में पेयजल सप्लाई करने वाले ट्यूबवेल भी दिन प्रतिदिन फेल होते जा रहे है। वर्तमान में शहर में 4 कुओं एवं 24 ट्यूबवैल्स से पेयजल सप्लाई होती है। हाल ही में लिखमासर नाडी एवं पांचवा रोड स्थित ट्यूबवैल नकारा हो चुके है, जिन्हें बंद किया जा चुका है। इस प्रकार मात्र 28 सोर्सेज के दम पर पूरे शहर में पेयजल सप्लाई होती है जबकि ये सोर्स भी अब पानी के स्थान पर हवा फेंकने लगे है।
अधिकांश ट्यूबवेलों से प्रतिघण्टा मात्र 4 से 5 हजार लीटर उत्पादन
शहर में पेयजल सप्लाई करने वाले अधिकांश ट्यूबवेलों से मात्र 4 से 5 हजार लीटर पेयजल सप्लाई होता है। इस क्रम में पांचवा रोड स्थित ट्यूबवेल संख्या तीन एवं चार से 2 से 3 हजार लीटर पानी प्रतिघण्टा, ट्यूबवेल संख्या आठ से 3 से 4 हजार लीटर प्रतिघण्टा पेयजल सप्लाई हो रहा है। इसी प्रकार ट्यूबवेल संख्या 7 सूख जाने के कारण बंद हो चुकी है वहीं ट्यूबवैल संख्या नौ से खारा पानी सप्लाई होने के कारण उपयोग नहीं हो पा रहा है।
दीपपुरा रोड स्थित ट्यूबवेल संख्या 3 से 4 से 6 हजार लीटर एवं ट्यूबवैल संख्या 4 से 2 हजार से 2 हजार 500 लीटर पेयजल सप्लाई हो रहा है। आसपुरा स्थित ट्यूबवेल संख्या चार से मात्र 2 से 3 हजार लीटर, श्रवणपुरा (लिखमासर) स्थित ट्यूबवेल से 2 से 4 हजार लीटर पानी सप्लाई हो पा रहा है जबकि ट्यूबवैल संख्या 3 बंद पड़ी है।
6 नए ट्यूबवेल का भिजवाया प्रस्ताव
जलदाय विभाग के सहायक अभियन्ता ऋषिकुमार शर्मा ने विभाग को कुचामनसिटी के लिए 6 नए ट्यूबवेल का प्रस्ताव भिजवाया है। ये ट्यूबवेल दीपपुरा,पाचॅंवा,नैशनल हाईवे,बडला का बास में खुदेंगे। इन सभी ट्यूबवेल के सफल हो जाने पर विभाग को शहर में गर्मी के दिनों में व्यवस्थित पेयजल आपूर्ति की उम्मीद है परन्तु गिरते भू जल स्तर के मद्देनजर सभी ट्यूबवेल का सफल होना नामुमकिन लग रहा है। दूसरी ओर विभाग द्वारा 6 ट्यूबवेल की स्वीकृति भी संदिग्ध ही नजर आ रही है।
हालात कहते ‘पानी बचाओ’
भले ही हम कम पेयजल सप्लाई के लिए जल संसाधन महकमे को दोषी मानते हुए विभागीय अधिकारियों पर दोषारोपण करें परन्तु यह निश्चित है कि गिरते भूजल स्तर से पेयजल संकट पैदा कर दिया है। शहर में सर्दियों के दिनों में ही पेयजल के लिए त्राही-त्राही मची हुई है।
आए दिन विभिन्न मौहल्लों के वाशिन्दें पेयजल के लिए सडक़ पर उतारु हो जाते है परन्तु वास्तविकता यह है कि भूमिगत जल स्तर में जोरदार गिरावट आ रही है। जल स्तर में गिरावट के कारण अब लोगों को जागरुक होना होगा। उन्हें बूंद-बूंद पानी बचाकर इस समस्या का कुछ हद तक समाधान स्वयं ही निकालना होगा।
2018 से आएगा लिफ्ट कैनाल का पानी, उससे पहले नहीं है कोई आशा की किरण
शहर में वर्ष 2018 में इन्दिरा गांधी नहर (नागौर लिफ्ट कैनाल) का पानी आ जाएगा। इससे पहले शहरवासियों को पेयजल की समस्या से जूझना ही पड़ेगा। विभाग के सहायक अभियन्ता ऋषिकुमार शर्मा ने बताया कि मार्च 2018 में कुचामन शहरवासियों को लिफ्ट कैनाल का पानी उपलब्ध हो जाएगा। इस बाबत भी विभाग युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटा हुआ है।
जब तक लिफ्ट कैनाल का पानी पम्प सेट पर पहुंचे तब तक शहर में पेयजल आपूर्ति का मूलभूत ढांचा भी तैयार किया जाना जरूरी है। इस बाबत विभाग ने शहर में पेयजलापूर्ति का सम्पूर्ण नक्शा तैयार कर लिया है। लिफ्ट कैनाल योजना बाबत ग्राम रूपपुरा में हैड वक्र्स का कार्य प्रारम्भ भी हो चुका है। वर्ष 2045 की आबादी को ध्यान में रखते हुए शहरवासियों के लिए यह योजना तैयार की गई है।
‘गिरते भू जल स्तर की स्थिति में 13 ट्यूबवेल पूरी तरह फेल हो चुके है वहीं अन्य ट्यूबवैल्स से गत वर्ष की तुलना में प्रोडेक्शन कम हो रहा है। हमने 6 नए ट्यूबवेल का प्रस्ताव भिजवाया है। यदि सभी ट्यूबवेल सफल हो जाती है तो गर्मियों के दिनों में पेयजल किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा।’
ऋषिकुमार शर्मा, सहायक अभियन्ता,जलदाय विभाग कुचामनसिटी