जयपुर। हार्ट अटैक से हाने वाली मौतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार की ओर से शनिवार को राजस्थान हार्ट अटैक ट्रीटमेंट प्रोग्राम की शुरूआत की गई है। इस प्रोग्राम के तहत किसी को भी हार्ट अटैक के आते ही मरीज के पास एंबुलेंस पहुंचेगी और उसे अस्पताल पहुंचने से पहले तक उसकी सारी चिकित्सकीय जांच और जरूरी दवाएं एंबुलेंस में ही दी जा सकेंगी।
शनिवार को प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हरी झंडी दिखाकर इस प्रोग्राम की शुरूआत की। राजस्थान तमिलनाडु के बाद हार्ट अटैक से होने वाली मौतों के खिलाफ ऐसा अभियान छेडऩे वाला देश का दूसरा प्रदेश का बन गया है। सीएम ने इसे प्रदेश की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के लिए क्रांतिकारी दिन बताया।
इस प्रोग्राम के तहत ईएचसीसी हॉस्पिटल टेलीमेडिसिन के जरिए शुरुआत में चार किलोमीटर के दायरे में रहने वाले मरीजों को तत्काल एंबुलेंस उपलब्ध कराएगा। एंबुलेंस के पहुंचने के साथ ही मरीज की जांच और प्राथमिक उपचार शुरू हो जाएगा। जब तक एंबुलेंस नजदीक के किसी भी बड़े अस्पताल तक पहुंचेगी तब तक मरीज की जांच और दी गई दवाओं का पूरा ब्योरा जीपीएस के जरिए अस्पताल के कमांड सेंटर तक पहुंचता रहेगा और अस्पताल पहुंचते ही मरीज का तत्काल इलाज शुरू हो जाएगा।
अमरीका में इस प्रोग्राम के शुरू होने के बाद वहां हार्ट अटैक से होने वाली मौतें सिर्फ एक फीसदी रह गई हैं, जबकि भारत में हार्ट अटैक से तीस मरीजों की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो जाती है। इस दौरान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हृदय में लगने वाले स्टेंटस की कीमतों में कमी करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया।
जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की दिशा में कई योजनाएं चलाई हैं। आरोग्य राजस्थान और भामाशाह चिकित्सा योजना के साथ मुफ्त दवा योजना को भी सरकार मजबूत कर रही है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि हार्ट अटैक ट्रीटमेंट प्रोग्राम को भी सरकारी अस्पतालों के साथ सरकार जोड़ सकती है। अगर ऐसा होता है तो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से राजस्थान देश में अग्रणी प्रदेश बन सकता है।