नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में बनने वाली बीजेपी की सरकारें गंगा की स्वच्छता के चलाए जा रहे केन्द्र सरकार के नमामि गंगे मिशन के क्रियान्वयन में जमीनी सहयोग देने के लिए पृथक गंगा संरक्षण मंत्रालय का गठन करेंगी। सूत्रों ने यहां बताया कि भाजपा नेतृत्व नमामि गंगे मिशन की गति को लेकर संतुष्ट नहीं है। गंगा संरक्षण के अभियान में उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है।
यद्यपि केन्द्रीय जल संसाधन, नदी संरक्षण एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने गंगा स्वच्छता अभियान को राजनीतिक मुद्दा बनने से बचाने का भरसक प्रयास किया लेकिन कहीं ना कहीं दोनों राज्यों में पूर्ववर्ती सरकारें नमामि गंगे मिशन के क्रियान्वयन में राजनीतिक कारणों से ढुलमुल रवैया अपनाएं हुए थीं।
सूत्रों ने बताया कि पीएम नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि गंगा की स्वच्छता के लिए प्रयासों का कामीन पर साफ असर दिखना चाहिये। इसके लिये राज्य सरकारों एवं केन्द्रीय गंगा संरक्षण मंत्रालय के मध्य सुचारु समन्वय के लिये उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश में पृथक गंगा संरक्षण मंत्रालयों का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में गंगा स्वच्छता अभियान को एक बड़ा मुद्दा बनाया था और केन्द्र में सरकार बनने पर जल संसाधन मंत्रालय में ही गंगा संरक्षण मंत्रालय बना कर गंगा के लिये काम कर रहीं साध्वी उमा भारती को इसकी कमान दे दी।
मोदी सरकार ने नमामि गंगे मिशन के लिये 20 हजार करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि भी आवंटित की है। भारती ने भी पूरी शिद्दत के साथ काम किया लेकिन उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने की वजह से वे बहुत उत्साहजनक परिणाम नहीं दिखा पाईं हैं। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा की प्रचंड बहुमत से हुई जीत ने गंगा स्वच्छता अभियान की राह भी आसान बना दी है।