साइबर ठगी में लिप्त एक महिला समेत चार लोग गिरफ्तार

Samachar Jagat | Thursday, 13 Apr 2017 06:58:50 AM
Four people arrested including a woman involved in cyber-shit

बीकानेर। बीकानेर पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साईबर ठगी के एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर तीन लाख रूपये बरामद किये है।

पुलिस महानिरीक्षक बिपिन कुमार पाण्डेय ने बताया कि ठगी में लिप्त अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिये अलग अलग दल बनाकर प्रयास किये जा रहे है। इस गिरोह के विभिन्न खाते संज्ञान में आने पर फ्रीज करवाये गये है, जिनमें करीब 35 से 40 लाख रूपये अभी जमा है। उन्होंने बताया कि ठगी में लिप्त झारखंड निवासी अजीत कुमार यादव, बाडमेर निवासी श्रवण सिंह सोढा 34, जोधपुर निवासी वीरेन् नाथ उर्फ महाराज गोस्वामी 30 और गुडगांव निवासी अनिता कुमार 37 को गिरफ्तार किया।

ठगी के तरीके के बारे में उन्होंने बताया कि गिरोह के आरोपी अलग अलग सोशल नेटवकि•ग वेबसाईट्स से व्यक्ति विशेष की जानकारी लेकर सम्पर्क करते थे और झांसे में लेकर विभिन्न बैंकों खातों में पैसा जमा करवा लेते थे। उन्होंने बताया कि पीडिता नीतू शर्मा ने गत 29 नवम्बर को परिवाद के जरिये शिकायत दर्ज करवाई कि उसने एक शादी की वेबसाइट पर अपनी प्रोफाइल अपलोड की थी। उसके बाद उससे ब्रिटेन के पारस प्र्रेमकुमार ने शादी के लिये सम्पर्क किया। उसने महिला विभिन्न प्रकार के प्रलोभन देकर कहा कि वह अपनी पच्चीस लाख पाउंड की सम्पत्ति एक व्यक्ति के जरिये दिल्ली हवाई अड्डे पर भेज रहा है। उक्त व्यक्ति ने एक पाउच का किराया 70 हजार रूपये जमा कराने के लिये दो फर्जी खाता नम्बर पीडिता को उपलब्ध कराये।

उन्होंने बताया कि इसके बाद अगले दो माह तक अलग अलग नम्बर से फोन काल आये आबीआई, इनकम टैक्स और कस्टम विभागों के जाली नोटिस भेजकर अलग अलग खातों में लगभग 56 लाख रूपये बीकानेर, पटना, दिल्ली, गुवाहाटी और पुणे के बैंक खातो में जमा कराये गये।

पाण्डेय ने बताया कि परिवाद के अनुसंधान के लिये एक विशेष पुलिस दल गठित किया गया। दल द्वारा अनुसंधान से पता चला कि दिल्ली स्थित गिरोह के सदस्यों का सम्पर्क नाइजीरियन ठगों से था। नाइजीरियन स्थानीय लोगों को फर्जी पहचान पत्र बनाकर विभिन्न शहरों में बैंक में खाता खुलवाते थे।

उन्होंने बताया कि नाइजीरियन लोगों के बैंक खाते भारत में नहीं खुल सकते थे, इसलिये ठगे जाने वाले लोगों से पैसा इन खातों में जमा करवाया जाता था। इस मध्यस्था के लिये दस से पंह प्रतिशत कमीशन लिया जाता था। उन्होंने बताया कि नाइजीरियन दिल्ली में बडी संख्या में इस प्रकार की ठगी में लिप्त जो छात्र वीजा पर भारत आकर यहां ठगी से प्राप्त पैसों को हवाला से अफ्रीका ट्रांसफर कर देते है। 



 
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