जयपुर। राजस्थान के संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने शुक्रवार को सदन को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार सवर्ण जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को और विशेष पिछड़ा वर्ग की जातियों को आरक्षण का लाभ देने के लिए कटिबद्ध हैं। वहीं इसके लिए आ रही संवैधानिक बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
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राज्य विधानसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान इस संबंध में मनोज न्यांगली एवं अन्य विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए राठौड़ ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण जातियों के लोगों को 14 प्रतिशत एवं विशेष पिछड़ा वर्ग की जातियों के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में सदन में बिल पास कर कानून बना दिया था लेकिन इसे लागू करने में न्यायालयों के आदेशों की अनुपालना एवं संवैधानिक बाधाएं हटाने के कारण देरी हो रही है।
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उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस आरक्षण को संविधान की 9वीं सूची में डालने एवं आरक्षण सीमा बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सरकार ने कई बार केन्द्र सरकार से पत्राचार किया है और संवैधानिक बाधाओं को दूर करने के प्रयास किए जा रहे तथा इसे लागू करने के लिए तत्पर है। भाजपा के विधायक घनश्याम तिवाड़ी एवं न्यांगली ने राज्य सरकार से आरक्षण नहीं देने तक अन्य आरक्षण वर्ग को दी जाने वाली सुविधाएं देने तथा सरकारी नौकरियों में पद रिक्त करने की मांग उठाई है।
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