जयपुर। राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने कहा है कि छोटे से छोटे किसान को ई-मण्डी से जोडऩे के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। उन्होंने आदिवासी क्षेत्र में परम्परागत रूप से हो रही मक्के की खेती की जगह आम के फलों के उत्पादन पर भी जोर दिया।
कटारिया ने आज यहां ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक के समापन अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को साकार कर रही हैं।
एनएएआरम, हैदराबाद के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एस सेंथिल विनियागम ने कहा कि केन्द्र सरकार अनुसंधान कार्य में दिलचस्पी ले रही है, सैटेलाइट के माध्यम से किसानों को विभिन्न प्रकार के संदेश कृषि कार्य में मदद कर रहे हैं।
डॉ. सेंथिल ने कहा कि हैदराबाद में पीपीपी मॉडल पर ग्रामीण तकनीकी पार्क की स्थापना की गई है जो किसानों के लिए इनोवेशन कर रहा है। यहां एक लाख किसानों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने एनआईएएफ एवं एनआईए द्वारा किए जा रहे इनोवेशन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक इस ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपति डॉ. राधेश्याम शर्मा ने कहा कि विश्व में औषधीय पादप के उत्पादन में भारत का योगदान अभी सीमित है, इसे बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभागार में बैठे किसानों से आह्वान किया कि वे खेती के साथ-साथ आयुर्वेद उत्पाद लगाकर दोहरा लाभ कमा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि तिलहन एवं दलहन सहित अन्य कृषि उत्पादन के साथ-साथ औषधीय पादपों का भी उत्पादन किया जाए ताकि देश एवं विदेश में इनकी मांग को पूरा किया जा सके।