जयपुर। राजस्थान के सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने कहा कि देश की आजादी के बाद यह पहला मौका है जब हमने किसानों को ऋण वसूली के लिए बाध्य नहीं किया है। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी तक एक हजार 992 करोड़ रुपए का रबी फसल के लिए ऋण का वितरण किया गया है और शेष 31 मार्च तक वितरित कर लिया जाएगा।
राज्य विधानसभा में मंगलवार को सुखराम विश्नोई के सवाल के जबाब में किलक ने कहा कि खरीफ का ऋण वितरण एक अप्रैल से 31 अगस्त तक एवं रबी का ऋण वितरण एक सितम्बर से 31 मार्च तक होता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में 13 हजार करोड़ रुपए का ऋण वितरण होना था जिसे बढ़ाकर 14 हजार 500 करोड़ रुपए किया गया है।
ऑनलाइन ठगी करने वाले दो आरोपी झारखंड से किए गिरफ्तार
बैतूल: सापना जलाशय से युवक-युवती का शव बरामद
इसके विरुद्ध 8543 करोड़ 15 लाख रुपए खरीफ के लिए ऋण वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि खरीफ का ऋण रबी के ऋण वितरण के समय रिकवर किया जाता है और इस प्रकार अब तक प्रदेश में लगभग 10 हजार 500 करोड़ रुपए का ऋण की वसूली हो जानी चाहिए थी लेकिन अभी तक 14.50 प्रतिशत तक ही वसूली हुई है क्योंकि हमने किसानों को ऋण जमा कराने के लिए बाध्य नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि रबी ऋण वितरण का लक्ष्य 31 मार्च तक प्राप्त कर लेंगे। किलक ने कहा कि जालौर जिले में अब तक 525 करोड़ से अधिक का खरीफ एवं रबी का ऋण वितरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राजस्थान का कोई भी ऐसा बैंक नहीं है जो सहकारी बैंकों की तुलना में कम ब्याज पर ऋण देता हो।
उन्होंने कहा कि हनुमानगढ़ जिले में 82 हजार किसानों को ऋण दिया गया हैै। हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को ऋण मिले। सहकारिता मंत्री ने कहा कि फसली ऋण लेने वाले किसानों का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा 50 हजार से बढ़ाकर 5 लाख किया गया है। उन्होंने कहा कि जो किसान फसली ऋण लेते हैं उनकी प्राकृतिक मृत्यु होने पर 10 लाख रुपए तक का ऋण बीमा कम्पनी जमा करवाती हैं।
उन्होंने कहा कि इस बार यह व्यवस्था भी करने जा रहे हैं कि भूमि विकास बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों की प्राकृतिक मृत्यु होने पर 10 लाख रुपए तक का ऋण बीमा कम्पनी जमा कराएगी। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों द्वारा चालू रबी सीजन में किसानों को ऋण वितरण किया जा रहा है।
वार्ता
प्रिंटिंग प्रेस में लगी आग, करोड़ों की मशीनें जली
विधानसभा बजट सत्र: जल परियोजना में विलंब और भ्रष्टाचार को लेकर हंगामा
एक और मासूम बनी दरिंदे की हवस का शिकार