जयपुर। देश के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव एवं मुख्य सांख्यिकीविद् प्रोफेसर टी सी ए अनंत ने कहा है कि सांख्यिकी प्रणालियों के परस्पर अध्ययन एवं इनके विश्लेषण से अर्थव्यवस्थाएं मजबूत होगी।
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प्रोफेसर अनंत आज यहां ब्रिक्स देशों के सांख्यिकी मंत्रालयों के विभागाध्यक्षों की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बैठक में सांख्यिकी प्रणालियों के परस्पर अध्ययन का भरपूर अवसर मिला है और इनके विश्लेषण से अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत बनाने में सहायता मिलेगी।
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उन्होंने कहा कि इस दौरान सदस्य देशों में प्रचलित सांख्यिकी प्रणालियों के बारे में एक-दूसरे से चर्चा हुई, जिसका लाभ ब्रिक्स के सभी देशों को मिलेगा। सभी देशों की परिस्थितियां भिन्न हैं, लेकिन सांख्यिकी आंकड़ों की आवश्यकताएं और उसमें आने वाली समस्याएं लगभग एक जैसी हैं। अन्य देशों की तरह भारत में भी छोटी इकाइयों का पंजीकरण एक जगह पर होना एक चुनौती है और सांख्यिकी मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है।
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अनंत ने कहा कि इस क्षेत्र में चीन में बेहतर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि वस्तु और सेवा कर प्रणाली से छोटी इकाइयों के पंजीकरण का काम भी आसान हो जाएगा, जिससे सांख्यिकी आंकड़े विस्तृत रूप से प्राप्त हो सकेंगे और इसका सकल घरेलू उत्पाद पर सकारात्मक असर होगा। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी तंत्र को सुदृढ़ बनाकर हम विश्व की अर्थव्यवस्था में अपना स्थान मजबूत कर सकते हैं।
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दक्षिण अफ्रीका से आए प्रतिनिधि डॉ. अरुल शिवानाथन नायडू ने अपने व्याख्यान में आंकड़े एकत्र करने के लिए नई तकनीक अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आंकड़े एकत्र करने के पुराने तरीकों को छोड़कर हमें डिजिटल सर्वे पर ध्यान देना होगा क्योंकि सतत् रूप से ताजा आंकड़े उपलब्ध होना आज की सबसे बड़ी चुनौती है। बैठक में ब्रिक्स के अन्य सदस्य चीन, रुस एवं ब्राजिल के सांख्यिकी विभागों के प्रतिनिधिमंडलों ने भी भाग लिया।