जयपुर। जब मन में कुछ कर दिखानें का जज्बा हो तो, कमज़ोरी भी ताकत बन जाती है। ऐसी ही कुछ कहानी है, शहर के रेस्टोरेंट में काम करने वाले विक्की और उसके दोस्तों की, बोलने और सुनने में असर्मथ ये लोग विठल्स किचन में काम करते है। इनके सपनो को पंख दिए रेस्टोरेंट के संस्थापक आशीष विठल शर्मा ने जिन्होंने इनको अपने सपने पूरा करने का मौका दिया।
आशीष शर्मा ने बताया की रेस्टोरेंट की शुरुआत से लेकर ही उनके दिमाग में कही ना कही समाज के लिए कुछ करने की चाह थी। उसी चाह को मन में लेकर वो जेएलएन मार्ग स्थित सेठ आनंदी लाल पोद्दार मूक-बधिर स्कूल गए जहां उनकी तलाश पूरी हुई और उन्हें यहां अपने पैरो पर खड़े होने की इच्छा रखने वाले कुछ बच्चे मिले, जिसके बाद उन्होंने बेसिक ट्रेनिंग के साथ इनको काम के बारे में जानकरी दी, साथ ही उन्होंने बताया कि ये लोग अपना कार्य पूरी कुशलता के साथ करते है।
साथ ही आशीष का कहना है कि आज तक उन्हें इनके साथ काम करने में कभी कोई प्रॉब्लम का सामना नहीं करना पड़ा साथ ही कस्टमर्स भी बहुत सपोर्टिव होते है। उन्होंने बताया कि कस्टमर्स के साथ अच्छी अंडरस्टैंडिंग के लिए रेस्टोरेंट ने खास तौर पर स्पेशल मेनू कार्ड, नोट पेड़, आदि का इस्तेमाल किया है जिसमे प्रत्येक फ़ूड आइटम का एक खास कोड रखा गया है जिससे कस्टमर और वेटर्स दोनों को आसानी रहती है। उनका कहना है कि इनका कस्टमर्स के साथ काफी पॉजिटिव रिलेशन है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में यहां 15 लोगो का स्टाफ है जिसमे 5 मूक-बधिर है। वे आगे भी इन लोगो को काम देना चाहते है, उनका कहना है कि मैं चाहता हूँ सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि बाकी लोग भी इनसे इंस्पायर हो और इनको काम दे। उनका कहना है कि हमारा मुख्य उद्देश्य अच्छे खाने के साथ कस्टमर्स को पॉजिटिविटी सर्वे करना है।