जयपुर। राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हुए बम विस्फोट मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई। जानकारी के अनुसार अजमेर के एक विशेष अदालत एनआईए में दरगाह परिसर में हुए बम धमाकों के मामले में दोषी पाए गए आरोपियों के खिलाफ सुनवाई की गई।
इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोषी भावेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता को 22 मार्च को सजा सुनाने का फैसला लिया गया है। न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश गुप्ता ने सजा सुनाने के लिए 22 मार्च की तिथि तय की है। भावेश पटेेेल और देवेन्द्र गुप्ता न्यायालय में मौजूद थे। न्यायालय ने पिछली सुनवाई के बाद दोषियों को सजा सुनाने के लिए 18 मार्च यानी आज की तारीख तय की थी।
दोषियों की सजा तय करने के मुद्दे पर शनिवार को बचाव पक्ष और सरकारी पक्ष के अधिवक्ता ने अपने अपने तर्क न्यायधिशों के सामने रखे। उल्लेखनिय है कि न्यायालय ने 11 अक्टूबर 2007 को दरगाह परिसर में हुए बम विस्फोट मामले में स्वामी असीमानंद समेत सात आरोपियों को पहले ही संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है।
इस बम धमाके में तीन जायरीनों की मौत हो गई थी और 15 लोग घायल हो गए थे। इसी मामले के तहत दोषी पाए गए भावेश पटेेेल और देवेन्द्र गुप्ता को सजा का फैसला देने के लिए एक विशेष अदालत में सुनवाई हुई जहां से न्यायधीशों ने दोनों पक्षों की बात सुनकर सजा सुनाने के लिए 22 मार्च की तारीख तय की है।