जयपुर। राजधानी जयपुर के करधनी थाना इलाके में छल एवं नाटकीय माहौल बनाकर महिला के जरिए फंसाकर एवं डरा-धमका कर अवैध वसूली करने के अपराध में दो अक्टूबर को गिरफ्तार किए गए 3 आरोपियों में फर्जी पत्रकार सोहनसिंह निवासी
ग्रीन एवेन्यू-हरनाथपुरा मूलत: गुढा पौंख, झुंझुनूं, आरोपी श्रीराम आसीवाल निवासी हिगोनिया-जोबनेर और कमल शर्मा निवासी भाटीजा-जोबनेर की जमानत अर्जियां जाली नोट मामलों की विशेष अदालत में स्पेशल न्यायाधीश गणेश कुमार ने कड़ी टिप्पणी करते हुए खारिज कर दिया।
कोर्ट ने आदेश में कहा कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। यह मात्र धारा 284 के मामले तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में इस तरह की प्रवृत्ति पनपना गंभीर विषय है और किसी भी महिला को शामिल करके इस प्रकार रुपए की वसूली करना रंगदारी से कम नहीं है। आदेश में पहले कोर्ट ने जांच अधिकारी थानेदार मानसिंह को कथित महिला को क्लीन चिट देने पर तलब किया और फटकार लगाई।
मानसिंह ने कोर्ट को बताया कि महिला की वीडियो क्लिपिंग है। वह छुट्टी पर चला गया था। महिला के 6 हजार रुपए ले जाने के सबूत हैं, लेकिन उसके निवास का पता नहीं चल पाया है। मोबाइल कॉल से पता किया जाएगा।
सरकारी वकील ने जमानत प्रार्थना पत्रों का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि फर्जी पत्रकार बनकर पत्रकार जैसे विशिष्ट शब्द का दुरुपयोग किया है, जिससे पत्रकारिता की छवि धूमिल हुई है। जमानत देने से ऐसे अपराधों में वृद्धि होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
यह था मामला
पीड़ित रामस्वरूप ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि श्रीराम आसीवाल एक लड़की को लेकर घर पर आया था और कहा कि इससे मैं शादी करूंगा। थोड़ी देर बाद फर्जी पत्रकार सोहन और कमल आए और बदनामी का डर दिखाकर 70 हजार रुपए मांगे। आसीवाल ने 50 हजार एवं उसे 20 हजार देने को कहा। पीड़ित ने 20 हजार दे दिए और उससे कागजों पर अनर्गल बातें लिखवा ली। उसकी मोटर साइकिल, आरसी, एटीएम, 8वीं की मार्कशीट, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, गाड़ी की रसीद भी ले गए तथा बाद में डेढ़ लाख रुपए और मांगने लगे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया एवं उपरोक्त सभी सामान तथा सोहन से 6 हजार रुपए जब्त कर लिए। वारदात में काम ली गई टाटा मैजिक व स्कूटी भी जब्त कर ली।
ब्यूरो रिपोर्ट- ओम प्रकाश शर्मा