जयपुर। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिये पीसीपीएनडीटी एक्ट के साथ सरकार के साथ समाज के सामूहिक समन्वित प्रयासों की महत्ती जरूरत है।
सराफ ने आज यहां केन्द्र एवं राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में एक्ट के क्रियांवयन, सुढ़ीकरण की क्षेत्रीय समीक्षा एवं क्षमतावर्धक विषयक अंतर्राज्यीय कार्यशाला में कहा कि प्रदेश में पीसीपीएनडीटी एक्ट का सख्ती से क्रियान्वयन करते हुये 10 हजार 625 निरीक्षण कर नियमों का उल्लंघन पाये जाने पर 475 सोनोग्राफी मशीनें सीज, 194 केन्द्रों के रजिस्ट्रेशन निलम्बित एवं 419 केंद्रों के रजिस्ट्रेशन निरस्त किये गये हैं। इस कार्यशाला में गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार, गोवा, महाराष्ट्र सहित 7 राज्यों के राज्य पीसीपीएनडीटी नोडल अधिकारी, जिला समुचित प्राधिकारी एवं विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधिगण हिस्सा लिया है।
उन्होंने प्रदेश में कन्या भ्रूण की रोकथाम में किये जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुये कहा कि बेटी बचाओ अभियान को प्रभावी बनाने के लिये विभिन्न आयोजन , राजश्री योजना के तहत बालिका जन्म से लेकर राजकीय विद्यालय से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर लेने पर विभिन्न चरणों में 50 हजार रुपये तक की राशि प्रोत्साहन स्वरूप देने तथा मुखबिर योजना के तहत भी सत्य सूचना पाये जाने पर दिये जाने वाले ईनाम को दो लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये किया जा रहा है।
सत्र में अतिरिक्त महाधिवक्ता जी.एस. गिल ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन की चर्चा करते हुये कहा कि पीसीपीएनडीटी एक कानून न होकर राष्ट्रीय मुद्दा है। उन्होंने बताया कि न्यायालय में पेश 641 मामलों में से 135 परिवादों में अपराधियों को सजा भी सुनायी जा चुकी है। उन्होंने एक्ट के क्रियान्वयन के बारे में हाल ही में उच्चतम न्यायालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी दी।
सत्र की अध्यक्षता करते हुये राज्य समुचित प्राधिकारी एवं मिशन निदेशक नवीन जैन ने देशभर में पीसीपीएनडीटी एक्ट का अधिक व प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राष्ट्रीय स्तर पर भी पीसीपीएनडीटी इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो स्थापित करने, सोनोग्राफी सेंटर, सोनोलाजिस्ट का रजिस्ट्रेशन, सूचना के लिये फोन नम्बर के साथ ही साफ्टवेयर के जरिये गर्भवतियों की ट्रकिंग भी केन्द्रीकृत स्तर पर करने का सुझाव दिया। (एजेंसी)