श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में अलगाववादियों की ओर से हड़ताल में शनिवार अपराह्न चार बजे से कल सुबह सात बजे तक ढील दिए जाने से लोगों को बड़ी राहत मिली है। दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान अपराह्न चार बजे खुल गये और सडक़ों पर बड़ी संख्या में यात्री वाहन देखे गए हालांकि निजी वाहन खासकर दोपहिया वाहन सुबह से ही सडक़ों पर दिख रहे थे। ऐतिहासिक लाल चौक पर दोपहर से दुकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के दोबारा खुलने से बाजार में रौनक हो गयी।
यहां बड़ी संख्या में ग्राहक दुकानों से सामान खरीदते नजर आए। कई व्यस्त सडक़ों पर रेहड़ी-पटरी वालों द्वारा स्टॉल लगाने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। शहर-ए-खास और निचले इलाकों की गलियों में लोगों की भारी भीड़ देखी गई, लेकिन ईदगाह, गंदेरपोरा और उससे सटे इलाकों में सुबह हुए विरोध- प्रदर्शन के बाद सुरक्षाकर्मियों को तैनात किए जाने की वजह से चहल-पहल काफी कम रही।
घाटी के बड़े शहरों और तहसील मुख्यालयों समेत मुख्य रिहायशी इलाकों में भी स्थिति सामान्य रही। उल्लेखनीय है कि गत आठ जुलाई को अनंतनाग में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद घाटी में फैली भहसा और कथित तौर पर निर्दोषों के मारे जाने के विरोध में अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेस(एचसी) के दोनों धड़ों और जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट(जेकेएलएफ) ने हड़ताल का आह्वान किया था। इन संगठनों ने बाद में हड़ताल की मियाद दस नवंबर तक बढ़ा दी थी। इसी बीच उन्होंने आज हड़ताल में ढील देने की घोषणा की।