जयपुर। बीएसएनएल में 2700 पदों के लिए जुलाई में निकली जूनियर इंजीनियर की भर्ती विवादों में नजर आ रही है। बीएसएनएल ने परीक्षा लेने के लिए एक प्राइवेट कंपनी को हायर किया था, हालांकि परीक्षा ऑनलाइन 25 सितम्बर से 29 सितम्बर तक दो पारियों में संपन्न हो गई। परीक्षा के बाद यूपी एसटीएफ ने कानपुर, लखनऊ और आसपास के जिलों में भर्ती में सेंधमारी करने को लेकर 10 छात्रों को गिरफ्तार किया है।
गिरोह के लोग परीक्षा सेंटर और कंपनी की मिलीभगत से गौरखधंधा चला रहे थे। इतने बड़े खुलासे के बाद पूरी परीक्षा सवालों के घेरे में है। एसटीएफ को उनके पास से काफी संख्या में प्रवेश पत्र बैंकों की चेकबुक, ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य परीक्षाओं के प्रमाण पत्र बरामद हुए। परीक्षा में एक्ससर्विस मैन की नियुक्ति को लेकर भी काफी मिलीभगत पाई गई। परीक्षा भर्ती केब बाद आई उत्तर कुंजी में कई प्रश्रों के उत्तर एक से ज्यादा माने गए। भर्ती के रिजल्ट में एक ही शिफ्ट से बहुत सारे अभ्यर्थियों का सिलेक्शन हुआ। अभ्यर्थी की रिस्पांस शीट बिना जारी किए रिजल्ट जारी किया गया।
एक दिन पहले ही एसोसिएशन की साइट पर रिजल्ट
बीएसएनएल भर्ती परीक्षा का रिजल्ट 22 नवम्बर को जारी किया जाना था, लेकिन 21 नवम्बर को ही एसोसिएशन की साइट पर रिजल्ट घोषित कर दिया गया जोकि नियम विरूद्ध है। हालांकि विभाग की साइट पर 22 नवम्बर को रिजल्ट घोषित किया गया, परंतु जब एक दिन पहले ही रिजल्ट आ गया तो कैसे माना जाए कि परीक्षा में किसी प्रकार की गडबड नहीं हुई होगी। इसके अलावा परीक्षा में भी कई प्रश्रों पर संशय बना हुआ है।
परीक्षार्थी अशोक कुमार ने बताया कि कुछ प्रश्रों पर आपत्ति के लिए उन्होंने विभाग में संपर्क किया तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। परीक्षा के बाद 18 अक्टूबर को प्रोविजनल कुंजी जारी की गई इसके बाद उस पर आपत्ति मांगी गई। जब मेल व फैक्स के जरिए आपत्ति दी गई विभाग ने दिल्ली आकर आपत्ति देने का फरमान सुना उाला। इसके बाद 20 नवम्बर को दोबारा से उत्तरकुंजी जारी की गई जिसमें कई सारे सवालों के गलत जवाब थे।
नियमों के विरूद्ध एक्ससर्विसमैन को मिली नियुक्ति
परीक्षा भर्ती में नियमों के विरूद्ध एक्ससर्विसमैन परीक्षार्थी को भी छूट दी गई, जबकि वह पूरी तरह से गलत है। एक्ससर्विसमैन तब तक नहीं कहलाता जब तक कि वह 14 वर्ष की सर्विस नहीं पूरी करता हो और यहां तो गौरखधंधा ऐसा कि भर्ती में ऐसे परीक्षार्थी चयनित हो गए जिनकी उम्र ही अभी 20 साल की है। आखिर ये कैसे संभव हो सकता है कि 20 वर्ष की उम्र में कोई एक्ससर्विसमैन को कोटा ले सके। ऐसे में पूरी भर्ती प्रक्रिया में धांधलेबाजी नजर आ रही है।
मार्कशीट और रिस्पांस शीट के मार्क्स मिलाने पर अलग-अलग
विभाग की ओर से 24 नवम्बर की रात को रिस्पांस शीट जारी की गई जिसमें काफी फेरबदल नजर आया। छात्र अशोक ने बताया कि छात्रों के उत्तरों को विभाग ने बदल दिया। उन्होंने उत्तर कुछ दिया था और शीट पर कुछ और था। मार्कशीट और रिस्पांस शीट को मिलाने पर दोनों के उत्तर अलग-अलग पाए गए। हालांकि जानकारों का मानना हैं कि यह ऑनलाइन कंपनी के सर्वर में प्राब्लम होने की वजह से है।