जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि प्रदेश में स्थापित ‘‘राजस्थान मंत्र प्रतिष्ठान’’ के माध्यम से आम लोगों को प्राचीन भारतीय मंत्रों का महत्व जानने का अवसर मिलेगा।
राजे सोमवार को यहां आयोजित जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से अध्यात्म मंत्र एवं विज्ञान विषय पर बोल रही थी।
उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठान को ऐसा संस्थान बनाने का प्रयास किया जाएगा जहां बाहर से लोग आकर शोध कर सके। संस्थान में आयुर्वेद, योग और ज्योतिष की तरह लोग मंत्रों की शिक्षा और शोध का लाभ उठा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि मंत्रों पर विदेशों में प्रयोग हो सकते है, जर्मनी में संस्कृत महोत्सव मनाया जा सकता है, जापान में यज्ञ हो सकते हैं तो यहां भी मंत्रों पर काम होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मंत्रों में एक प्रकार का विज्ञान है और यह ऊर्जा के अद्भुत स्रोत हैं जो आध्यात्मिक विकास करते हैं। मंत्र की शक्ति के सामने हर शक्ति क्षीण है।
उन्होंने प्रदेश में ऐसा वातावरण तैयार करने के लिए कहा जहां मंत्रों का निरन्तर उच्चारण होता रहे ताकि वातावरण स्वच्छ हो।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने संस्कृत विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका के दो अंको का विमोचन भी किया।