अजमेर। राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी को अकबरी किले का नाम बदलवाने को लेकर एक धमकीभरा पत्र मिला है। वासुदेव देवनानी को पत्र में सुधरने की चेतावनी भी दी गई है और किले का नाम पुन: अकबरी किला लिखवाए जाने के लिए कहा गया है। पत्र किसी खादिम तरन्नुम चिश्ती की ओर से लिखा गया है।
वहीं देवनानी ने पत्र को कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक डॉ. नितिन दीप सिंह को भिजवाया है। पुलिस अधीक्षक ने पत्र प्राप्ति की पुष्टि करते हुए कहा है कि पत्र टाइप किया हुआ है। लिफाफे पर लगी पोस्टल विभाग की सील को देखकर पता लगाया जा रहा है कि पत्र कहां से आया है और किसने भिजवाया है। जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
जाकनारी के अनुसार म्यूजियम कहलाए जाने वाले पुरा महत्व के इस ऐतिहासिक भवन पर अब अजमेर का किला एवं संग्रहालय का बोर्ड लगा है। इस राजकीय संग्रहालय का ऐतिहासिक नाम अकबरी किला या अकबर का किला है। किले का निर्माण 1570 में कराया गया तथा बादशाह अकबर आगरा से नियमित अजमेर दरगाह शरीफ जियारत करने आया करते थे।
इसे अकबर का रेस्ट हाउस के रूप में विकसित किया गया था। अकबर के बेटे जहांगीर ने अंग्रजी हुकूमत के थॉमस रॉ को व्यापार के लिए आने पर यहां ठहरने की इजाजत दी थी। इस ऐतिहासिक मुगलकालीन किले की मरम्मत एवं जीर्णोद्वार का काम चल रहा है और किले के बाहर लगे बोर्ड पर पुन: लिखावट की गई है।
इस तरह का विवाद तत्कालीन कलक्टर डॉ. आरूषि मलिक के कार्यकाल में भी हो चुका है। जब इतिहासकारों के विरोध के बाद राजस्थान सरकार के अधीन चलने वाले इस संग्रहालय का नाम अजमेर का किला व संग्रहालय ही रखा गया था।
वार्ता