अजमेर। जयपुर की विशेष कोर्ट अजमेर बम ब्लॉस्ट मामले में बुुधवार को सुनवाई करते हुए 2 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। जयपुर की विशेष कोर्ट अजमेर स्थित सूफी ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह परिसर में करीब 9 वर्ष पहले हुए धमाका मामले में दोषी पाए गए भवेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
भावेश पर 10 हजार और देवेंद्र पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में कोर्ट ने आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार और स्वामी असीमानंद समेत पांच लोगों को क्लीन चिट देते हुए बरी कर दिया था इससे पहले 18 मार्च को फैसला सुनाया जाना था लेकिन अदालत ने सुनवाई आज तक के लिए टाल दी थी।
राष्ट्रीय जांच एजेन्सी के मामलों की विशेष अदालत के जज दिनेश गुप्ता ने 8 मार्च को सुनाऐं अपने फैसले में अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर में 11 अक्टूबर 2007 को आहता ए नूर पेड़ के पास हुए बम विस्फोट मामले में देवेन्द्र गुप्ता, भावेश पटेल और सुनील जोशी को दोषी करार दिया था।
दोषी पाये गये आरोपियों में से सुनील जोशी की मौत हो चुकी है। जबकि कोर्ट ने असीमानंद समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया था। अदालत ने देवेन्द्र गुप्ता, भावेश पटेल और सुनील जोशी को आईपीसी की धारा 120 बी, 195 और धारा 295 के अलावा विस्फोटक सामग्री कानून की धारा 34 और गैर कानूनी गतिविधियों का दोषी पाया है। गौरतलब हैं कि अजमेर दरगाह में 11 अक्टूबर 2007 को हुए धमाके में तीन लोगों की मौत हुई थी और 15 लोग घायल हुए थे।