विरोध के बाद राजस्थान किराया नियंत्रण संशोधन विधेयक पारित

Samachar Jagat | Saturday, 04 Mar 2017 11:29:54 AM
After protests Rajasthan rent control amendment Bill Passing

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को राजस्थान किराया नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 2017 को पारित कर दिया गया। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री ने कहा कि इस संशोधन विधेयक को लाकर राजस्थान देश का ऐसा पहला प्रदेश बन गया है, जिसने केन्द्रीय मॉडल किराया कानून के निर्देशों का पालन किया है।

उन्होंने कहा कि इस व्यावहारिक और सरलीकृत विधेयक से राज्य के आमजन को अधिकाधिक सुविधाएं मिलेंगी। यह विधेयक सभी शहरों में लागू होगा। बेदखली को छोड़ किराया ट्रिब्यूनल के ज्यादातर अधिकार एसडीएम को दिए गए हैं। एसडीएम को किराया नियंत्रण प्राधिकारी बनाया है। बदले प्रावधानों के मुताबिक अब शहरों में किराए पर दी जाने वाली हर प्रोपर्टी का एसडीएम के यहां रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया है। किरायानामा एसडीएम के यहां रजिस्टर्ड होगा।

मकान मालिक और किराएदारों के विवाद सुनने का अधिकार एसडीएम को दिया है। सरकार पिछली साल नवंबर में इसका अध्यादेश ला चुकी है। उसी अध्यादेश को किराया नियंत्रण संशोधन विधेयक के रूप में सदन में रखकर बहस के बाद पारित करवाया है। विधेयक के उद्देश्यों और कारणों पर मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से प्रदेशवासियों को सस्ता और सुलभ न्याय मिलेगा।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पहल पर आयोजित किए ‘न्याय आपके द्वार’ अभियान का लाभ जिस तरह से प्रदेशवासियों को मिला है, उसी तरह इस विधेयक के माध्यम से शहरी क्षेत्रों के निवासियों को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से मकान मालिक और किरायेदार दोनों के हितों की रक्षा की गई है।

इसके माध्यम से उनके बीच होने वाले विवादों को उपखण्ड अधिकारी के स्तर पर ही सुलझाया जा सकेगा। इस संशोधित विधेयक के माध्यम से शहरी क्षेत्र की सम्पत्तियों की सीमा को समाप्त किया गया है। कृपलानी ने सदन को आश्वस्त किया कि इससे ट्रांस्फर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट प्रभावित नहीं होगा। क्योंकि इसमें किराया करार किसी भी अवधि का हो सकता है। इससे किसी के अधिकारों का हनन नहीं होगा।

इसमें किराया इस विधेयक में प्राधिकरण के निर्णय पर अपील करने की भी सुविधा दी गई है। कोटा समेत प्रदेश के अन्य जिलों में रह रहे विद्यार्थियों को भी इससे असुविधा नहीं होने वाली है क्योंकि हम पंजीकरण की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि विद्यार्थियों की सूचना प्रशासन के पास होगी, तो इसका फायदा होगा, क्योंकि इससे विद्यार्थी सुरक्षित होंगे। इससे पहले विधेयक को जनमत जानने हेतु परिचालित करने का संशोधन प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया था। 
 



 
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